नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्कूलों को बंद करने का एलान किया है। केजरीवाल ने एक ट्वीट में लिखा, 'दिल्ली के जिन इलाक़ों में पानी भर रहा है वहां पर सब सरकारी व प्राइवेट स्कूलों को बंद कर रहे हैं।' पिछले कुछ दिनों से यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और कई इलाकों में पहले ही बाढ़ आ गई है। ऐसे में दिल्ली के सिविल लाइंस जोन के निचले इलाकों में 10 स्कूल, शहादरा (दक्षिण) जोन में 6 स्कूलों और शहादरा (उत्तर) जोन में एक स्कूल बंद रखने का फैसला किया गया है।
वहीं यमुना नदी के जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के सभी स्कूल 16 जुलाई तक बंद रखने का आदेश जारी किया है।
तेजी से बढ़ता जा रहा है यमुना का जलस्तर
बता दें कि दिल्ली में यमुना का जलस्तर गुरुवार को सुबह बढ़कर 208.48 मीटर पर पहुंच गया, जिससे आसपास की सड़कें, सार्वजनिक व निजी बुनियादी ढांचे जलमग्न हो गए और नदी के पास रहने वाले लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। पुराने रेलवे पुल पर जलस्तर बुधवार रात 208 मीटर के निशान को पार कर गया था और गुरुवार सुबह 8 बजे तक बढ़कर 208.48 मीटर पर पहुंच गया।
CWC ने कहा, दिल्ली में है भीषण स्थिति
केंद्रीय जल आयोग (CWC) के मुताबिक, इसके और बढ़ने की आशंका है, उसने इसे ‘भीषण स्थिति’ करार दिया है। हर गुजरते घंटे के साथ स्थिति बिगड़ने के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया और पुलिस ने एहतियाती तौर पर राष्ट्रीय राजधानी के बाढ़ के लिहाज से संवेदनशील इलाकों में बुधवार को धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी। इस धारा के तहत चार से अधिक लोगों के एक ही स्थान पर एकत्रित होने पर रोक होती है। इसके साथ ही उन्होंने बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्कूल बंद करने का भी एलान किया है।
हालात को देखते हुए LG ने बुलाई बैठक
उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने यमुना के बढ़ते जलस्तर को लेकर आज दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) की बैठक बुलाई है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में केजरीवाल ने अनुरोध किया, ‘यदि संभव हो तो हरियाणा में हथिनीकुंड बैराज से पानी धीरे-धीरे छोड़ा जाए।’ केजरीवाल ने गृहमंत्री अमित शाह का ध्यान आगामी जी-20 शिखर सम्मेलन की ओर आकर्षित करते हुए लिखा कि दिल्ली कुछ हफ्तों में जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाली है।
सोमवार को 206 मीटर के स्तर पर थी यमुना
बता दें कि यमुना पर 2 प्रमुख बैराज हैं, देहरादून में डाकपत्थर और यमुनानगर में हथिनीकुंड। नदी पर कोई बांध नहीं हैं और इसलिए अकसर मॉनसून के जल का इस्तेमाल नहीं हो पाता जिसके परिणामस्वरूप बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है। दिल्ली में पिछले 3 दिन में यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। यह रविवार सुबह 11 बजे 203.14 मीटर से बढ़कर सोमवार शाम 5 बजे 205.4 मीटर हो गया, जो उम्मीद से 18 घंटे पहले खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर गया। सोमवार रात नदी का जलस्तर 206 मीटर के निशान को पार कर गया था।
दिल्ली में पिछले 100 सालों में 8 बार आई बाढ़
बुधवार दोपहर एक बजे तक नदी का जलस्तर 207.49 मीटर के निशान और रात 10 बजे यह 208 मीटर के निशान को पार कर गया। दिल्ली में बड़ी बाढ़ 1924, 1977, 1978, 1988, 1995, 1998, 2010 और 2013 में आईं। 1963 से 2010 तक के बाढ़ आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला कि सितंबर में बाढ़ आने की प्रवृत्ति बढ़ती है और जुलाई में घटती है। CWC के मुताबिक, हथिनीकुंड बैराज पर रात में जल के प्रवाह की दर 1.5 क्यूसेक से अधिक थी।
रविवार को दिल्ली में हुई थी रिकॉर्डतोड़ बारिश
IMD के मुताबिक, दिल्ली में रविवार सुबह 08:30 बजे तक पिछले 24 घंटे की अवधि में 153 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 1982 के बाद से जुलाई में एक दिन में हुई सर्वाधिक बारिश है। दिल्ली में सोमवार सुबह साढ़े आठ बजे समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि में 107 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी। पिछले साल सितंबर में यमुना ने दो बार खतरे के निशान को पार किया था और जलस्तर 206.38 मीटर तक पहुंच गया था। वर्ष 2019 में 18-19 अगस्त को नदी का जलस्तर 206.6 मीटर तक बढ़ गया। 2013 में यह 207.32 मीटर के स्तर पर पहुंच गया था।