Highlights
- 'बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल समृद्ध देश बनने की कुंजी है'
- 'अमेरिका, ब्रिटेन, डेनमार्क जैसे 39 देशों ने बच्चों को मुफ्त में शिक्षा दी'
- 'हम होंगे कामयाब' गाकर केजरीवाल ने अपना संबोधन समाप्त किया
Arvind kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि नि:शुल्क शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं मुफ्त की सौगात नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इन दोनों तक पहुंच भारत को समृद्ध बना सकती है और देश की गरीबी को एक पीढ़ी में खत्म कर सकती है। राजधानी के छत्रसाल स्टेडियम में दिल्ली सरकार के स्वतंत्रता दिवस समारोह में उन्होंने इस बात पर जोर भी दिया कि पूरे देश में स्कूली शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा को पांच साल में नया रूप दिया जा सकता है, जैसा कि राष्ट्रीय राजधानी में हुआ है।
हाल के समय में मुफ्त की सौगात को लेकर राजनीतिक बयानबाजी हुई है और बीजेपी ने केजरीवाल पर इसका इस्तेमाल सत्ता के लिए लोगों को प्रलोभन देने में करने का आरोप लगाया है। पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वोट हासिल करने के लिए मुफ्त सौगात देने की 'रेवड़ी संस्कृति' के खिलाफ लोगों को आगाह किया था और कहा था कि यह देश के विकास के लिए बहुत खतरनाक है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने भविष्य के भारत के लिए अपना दृष्टिकोण समझाते हुए शिक्षा और स्वास्थ्य पर जोर दिया और अपने 40 मिनट के भाषण में दोनों शब्दों का जिक्र क्रमशः 50 और 30 बार किया।
'आज अगर हम साथ आए, तो भारत को दुनिया का नंबर एक देश बना सकते हैं'
छत्रसाल स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में हजारों बच्चों को आमंत्रित किया गया था। इसमें केजरीवाल ने कहा कि देश के 130 करोड़ लोगों को एक साथ आने और भारत को दुनिया का नंबर एक देश बनाने का संकल्प लेने की जरुरत है। उन्होंने कहा, "हमने एक साथ आकर अंग्रेजों को देश से निकाला था। आज अगर हम साथ आए, तो भारत को दुनिया का नंबर एक देश बना सकते हैं।" केजरीवाल ने भारत के बाद स्वतंत्रता हासिल करने वाले कई देशों के उससे आगे निकल जाने का जिक्र करते हुए एक बार फिर दोहराया कि बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल एक समृद्ध देश बनने की कुंजी है।
उन्होंने कहा, "अमेरिका, कनाडा, जर्मनी और डेनमार्क जैसे देश कैसे अमीर हो गए? उन्होंने अपने नागरिकों के लिए अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था की। हम भी भारत को दुनिया का नंबर एक देश बनाएंगे, क्योंकि सभी संसाधन हैं और भारतीय सबसे बुद्धिमान हैं।" उन्होंने कहा कि अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य प्रदान करने का कोई शॉर्टकट नहीं है और इसे केवल पांच वर्षों में संभव बनाया जा सकता है। केजरीवाल ने कहा, "अगर भारत को अमीर और दुनिया में नंबर एक देश बनना है, तो हर बच्चे के लिए मुफ्त शिक्षा और हर भारतीय के लिए अच्छी मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल की व्यवस्था करनी होगी। यह पांच साल में हो सकता है। अगर बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलती है, तो गरीबी एक पीढ़ी में खत्म हो जाएगी।"
केजरीवाल ने छात्रों के लिए अपनी सरकार के 'बिजनेस ब्लास्टर्स' कार्यक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि देश में बेरोजगारी 3-4 वर्षों में समाप्त हो सकती है यदि हर साल उत्तीर्ण होने वाले लगभग दो करोड़ छात्र व्यावसायिक विचारों से लैस हों, ताकि वे सरकारी नौकरियों की तलाश न करें और इसके बजाय नौकरी देने वाले बनें। केजरीवाल ने कहा, "अगर धन की कमी हो तो हम एक दिन में एक समय का भोजन का त्याग कर जीवित रह सकते हैं, लेकिन हमें किसी भी कीमत पर शिक्षा के लक्ष्य को प्राप्त करने से पीछे नहीं हटना चाहिए।" उन्होंने कहा कि अमेरिका, ब्रिटेन, डेनमार्क और कनाडा जैसे 39 देशों ने बच्चों को मुफ्त में शिक्षा दी है।
'सरकार ने शहर में शिक्षा प्रणाली और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार किया है'
उन्होंने दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार की उपलब्धियों के बारे में बात करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने शहर में शिक्षा प्रणाली और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार किया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, "सरकारी स्कूल पहले खराब स्थिति में थे, बच्चे दरी पर बैठते थे और कोई शिक्षा नहीं मिलती थी। हालांकि, हमने सरकारी स्कूलों में सुधार किया और आज, सरकारी स्कूल में पढ़ने वाला एक गरीब बच्चा भी वकील या इंजीनियर बनने का सपना देख सकता है।" उन्होंने दावा किया कि अमीर लोगों ने भी अब अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजना शुरू कर दिया है।
उन्होंने साथ ही दावा किया कि दिल्ली के निजी स्कूलों के 4 लाख छात्र वहां जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस क्रांति का श्रेय केजरीवाल या सिसोदिया को नहीं, बल्कि माता-पिता, शिक्षकों, प्राचार्यों और छात्रों को जाता है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि सरकार ने स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में सुधार किया है और लोगों को दिल्ली में अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा हासिल है। उन्होंने कहा, "हम औसतन हर दिल्लीवासी की स्वास्थ्य देखभाल पर 2,000 रुपये खर्च कर रहे हैं। हम 130 करोड़ भारतीयों के लिए 2.5 लाख करोड़ रुपये में अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था कर सकते हैं। हम पांच साल में विश्व स्तरीय मोहल्ला क्लीनिक और अस्पताल खोल सकते हैं।"
'हमें चुनौतियों और हमारे भविष्य के कदम पर सोचने की जरुरत है'
सभी स्वतंत्रता सेनानियों और देश के विकास एवं प्रगति के लिए संघर्ष करने वालों को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा कि यह विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति का जश्न मनाने का समय है। उन्होंने कहा, "हालांकि, हमें चुनौतियों और हमारे भविष्य के कदम पर सोचने की जरुरत है। कई लोग पूछ रहे हैं कि 75 वर्षों में कई देश (हमसे) आगे क्यों हो गए। उन्होंने 'हम होंगे कामयाब' गाकर अपना संबोधन समाप्त किया। समारोह में मुख्यमंत्री ने तिरंगा फहराया। उन्होंने दिल्ली जेल कर्मचारियों और अग्निशमन सेवा कर्मियों को उत्कृष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक भी प्रदान किए।