नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि लॉकडाउन कोई "विकल्प नहीं है" लेकिन राष्ट्रीय राजधानी में कुछ प्रतिबंध लगाए जाएंगे जो कोरोना वायरस महामारी की चौथी लहर की चपेट में है। मुख्यमंत्री ने लोकनायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल का दौरा कर महामारी से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में उन्होंने कहा, "लॉकडाउन कोई विकल्प नहीं है, हालांकि, हम वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कुछ प्रतिबंध लगाएंगे। हम आने वाले कुछ दिनों में प्रतिबंध जारी करेंगे। कोविड केंद्रों को फिर से स्थापित किया जा रहा है और कुछ ने काम करना शुरू भी कर दिया है।"
केजरीवाल ने कहा कि प्रशासन और अस्पताल महानगर में महामारी की "चौथी लहर" को रोकने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "हम इस समय अस्पतालों में बिस्तर और वेंटिलेटर की उपलब्धता के संदर्भ में अच्छी स्थिति में हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि दिल्ली के लोग सुरक्षित रहें।" गौरतलब है कि दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले पिछले कुछ दिनों में बहुत तेजी से बढ़े हैं, और मरने वालों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। दिल्ली में शुक्रवार को कोविड-19 के 8,521 नए मामले सामने आए, जो पिछले साल 11 नवंबर के बाद से सबसे अधिक दैनिक वृद्धि है। वहीं, शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के कारण 39 और लोगों की मौत हो गई, जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 11,196 हो गई।
दिल्ली में अब तक के सबसे अधिक 8,593 मामले 11 नवंबर 2020 को सामने आए थे, जबकि अब तक की सबसे अधिक मौतें 19 नवंबर को हुई थी, जब महानगर में कोविड-19 से 131 लोगों की जान चली गई थी। मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, “मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल का दौरा किया, जहां उन्होंने दिल्ली में कोरोना वायरस महामारी की चौथी लहर से निपटने की अस्पताल की तैयारी की समीक्षा की। उन्होंने स्थिति और अस्पताल में मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं का जायजा लिया।"
केजरीवाल ने कहा कि वर्तमान में 2000 में से 1500 बेड कोविड-19 रोगियों के लिए आरक्षित हैं और भविष्य में आवश्यकताओं के अनुसार इस संख्या को बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने कहा, "पिछले कुछ दिनों में दिल्ली सहित पूरे देश में कोरोना के मामलों में काफी वृद्धि देखी गई है। हमें एक साथ टीकाकरण अभियान को तेज करने की आवश्यकता है और ऐसे उपाय भी किए जाएं जो अस्पताल के प्रबंध को प्रभावी बनाने के साथ-साथ वायरस के प्रसार को भी रोक सकें।" उन्होंने बयान में कहा कि दिल्ली में कोविड-19 की यह चौथी लहर है। आखिरी लहर नवंबर में आई थी जिसके बाद दिल्ली में नए मामले इतने कम हो गए थे कि स्वास्थ्य प्रणाली और एजेंसियां सुस्त होने लगी थीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जरूरी है कि वे अपनी गति को फिर से हासिल करें और उसी कुशल तरीके से काम करना शुरू करें जो उन्होंने पहले किया था, जिससे वायरस के प्रसार को रोकने में मदद मिली। उन्होंने कहा, "दिल्ली सरकार और दिल्ली के अस्पताल पूरी तैयारी के साथ काम कर रहे हैं।" बढ़ते मामलों के मद्देनजर टीकाकरण अभियान और सरकार की तैयारी के बारे में पूछे जाने पर, केजरीवाल ने कहा, "मैंने प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) को एक पत्र लिखा है, जिसमें मैंने कहा है कि यदि टीकाकरण की पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जाता है, यदि हमें टीकाकरण केंद्रों की संख्या बढ़ाने की अनुमति दी जाती है और यदि आयु सीमा को हटा दिया जाता है तो दो-तीन महीनों के भीतर हम पूरी दिल्ली में टीकाकरण कर सकते हैं।”
केजरीवाल ने कहा, "मैं देश के बाकी हिस्सों के बारे में बात नहीं कर सकता, लेकिन दिल्ली सरकार की तैयारी के स्तर के अनुसार, अगर ये तीन शर्तें पूरी होती हैं, तो हम आपको आश्वस्त कर सकते हैं कि दिल्ली के सभी निवासियों को दो-तीन महीने में टीका लगा दिया जाएगा।" उन्होंने कहा कि जब सभी को टीका लग जाएगा, तो यह वायरस की गंभीरता को रोकने और समाप्त करने में बहुत मदद करेगा। अस्पताल के अपने दौरे के दौरान, केजरीवाल ने एक वीडियो कॉल सुविधा के माध्यम से कोविड-19 वार्ड में भर्ती एक मरीज से बात की और उसकी स्थिति के बारे में पूछा। बयान में कहा गया है कि एलएनजेपी में वीडियो कॉल सुविधा की मदद से मरीज सीधे अपने परिवार के सदस्यों से बात कर सकते हैं।