नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर ईडी की टीम के पहुंचते ही केजरीवाल की टीम ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया । हालांकि इस पर सुप्रीम कोर्ट ने किसी बेंच का गठन नहीं किया है। शुक्रवार सुबह इस मामले की सुनवाई हो सकती है। इससे पहले हाईकोर्ट ने आज शराब घोटाले मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी की गिरफ्तारी से बचने के लिए दी गई याचिका पर किसी भी तरह की अंतरिम सुरक्षा देने का आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था। वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को करीब दो घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है।
समन के बाद भी पेश नहीं हुए केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल इससे पहले ईडी के 9 समन के बाद भी पूछाताछ के लिए पेश नहीं हुए थे। आज देर शाम ईडी की टीम अरविंद केजरीवाल के घर पर पहुंची। केजरीवाल के घर बाहर बड़ी संख्या में उनके समर्थक भी वहां जमा होने लगे थे। लेकिन प्रशासन ने वहां धारा 144 लगा दिया था। आम आदमी पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में भी लिया। गिरफ्तारी के बाद ईडी की टीम अरविंद केजरीवाल को अपने साथ ईडी मुख्यालय ले गई है।
दिल्ली हाईकोर्ट से नहीं मिली अंतरिम राहत
इससे पहले, दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस मनोज जैन की पीठ ने मामले में केजरीवाल को दंडात्मक कार्रवाई से कोई संरक्षण देने से इनकार कर दिया। पीठ ने संरक्षण के अनुरोध संबंधी केजरीवाल की अर्जी को 22 अप्रैल को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है। समन को चुनौती देने वाली उनकी मुख्य याचिका पर भी उसी दिन (22 अप्रैल को) सुनवाई होगी।
आबकारी नीति मामले में पूछताछ करना चाहती है ईडी
दरअसल, यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति को तैयार करने और क्रियान्वित करने में कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है। बाद में इस नीति को रद्द कर दिया गया था। मामले में आप नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी द्वारा दाखिल आरोप पत्र में केजरीवाल के नाम का कई बार उल्लेख किया गया है। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि आरोपी आबकारी नीति तैयार करने के लिए केजरीवाल के संपर्क में थे, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें अनुचित लाभ हुआ। (इनपुट-एजेंसी)