नई दिल्लीः दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तिहाड़ जेल में इंसुलिन मुहैया कराने के लिए राउज एवेन्यू कोर्ट में याचिका दायर की है। मामले की सुनवाई के दौरान ईडी ने कोर्ट को बताया कि जेल ऑथारिटी से केजरीवाल के डाइट चार्ट की रिपोर्ट आ रही है। कोर्ट ने केजरीवाल से याचिका की कॉपी सबको देने को कहा। कोर्ट ने कहा कि हमको अभी अर्ज़ी के बारे में नहीं पता है। अर्ज़ी में क्या मांग की गई है।
केजरीवाल के वकील ने कही ये बात
केजरीवाल की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंधवी ने कहा कि हमने ईडी को अर्ज़ी की कॉपी दे दिया था। केजरीवाल के वकील ने कहा केजरीवाल को 22 साल से डाईबेटिक की प्रॉब्लम है, हर दिन इंसुलीन लेते हैं। अभिषेक मनु सिंधवी ने कहा गिरफ्तारी से पहले सीएम केजरीवाल का जिस डॉक्टर से इलाज चल रहा था उसी डॉक्टर से कंसल्टेंट करने की इजाज़त दी जाए। वकील ने कहा कि केजरीवाल की नियामित जांच हो ताकि उनका अलार्मिंग ब्लड शुगर कंट्रोल किया जा सके।
जेल अथॉरिटी ने जवाब दाखिल करने के लिए मांगा समय
कोर्ट में केजरीवाल के वकील ने कहा कि एक अप्रैल को जब घर से बना खाने की इजाज़त दी गई थी तो उस समय आपने डाइट चार्ट दिया यह आपको फॉलो करना चाहिए। जज ने केजरीवाल के वकील से कहा कि आप मुझे अपना डाइट चार्ट और जेल द्वारा दिए गए डाइट चार्ट का तुलनात्मक चार्ट दें। ऐसा लगता है कि उसमें कुछ बदलाव हुआ है। केजरीवाल के वकील ने कहा कि आम और आलू पुरी जैसे मामूली बदलाव की वजह से इंसुलिन के लिए मेरे आवेदन का विरोध नहीं किया जा सकता है। जेल अथॉरिटी ने केजरीवाल की याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है।
जेल अथॉरिटी ने दी ये दलील
जेल अथॉरिटी ने कोर्ट को बताया कि ऐसा नहीं है कि केजरीवाल की सेहत पर नजर नहीं रखी जा रही है या उनको कोई परेशानी हो रही है, जो भी सुविधाएं चाहिए वह उपलब्ध कराई गई हैं। मेरा सुझाव है कि घर का बना खाना एम्स की रिपोर्ट के अनुसार होना चाहिए और अगर ऐसा नहीं होता है, तो मुझे यह सुझाव देना पड़ेगा कि जेल मैनुअल के अनुसार घर का बना खाना नहीं दिया जाना चाहिए। जेल अथॉरिटी ने कहा कि केजरीवाल को डाइट को फॉलो करना चाहिए, इंसुलिन की कोई जरूरत नहीं है। दरअसल, अगर वह इंसुलिन लेंगे तो शुगर लेवल काफी कम हो जाएगा। जेल अथॉरिटी ने कहा कि एम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्हें आम, चीकू, केला आदि से परहेज करना होगा।
केजरीवाल के वकील ने ईडी की दलील का विरोध किया
केजरीवाल के वकीलों ने इस मामले में ईडी की दलील देने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि केजरीवाल इनकी कस्टडी में नहीं। इनको नहीं सुना जाना चाहिए। कोर्ट को जेल से बात करनी चाहिए। ईडी यहां क्या कर रही है। पहले मीडिया को बताते है बाद में यहां आते है। क्या आदमी आम भी नहीं खा सकता। केजरीवाल की डाइट को लेकर तिहाड़ जेल ऑथारिटी ने कोर्ट में रिपोर्ट जमा कराई है।
मीडिया ट्रायल की कोशिश का आरोप
ईडी ने कहा कि हमारे कल की दलील के अनुसार केजरीवाल के खाने की सामग्री डॉक्टर के निर्धारित खाने से मेल नहीं खाती है। इस पर सिंघवी ने कहा कि इस मामले को दबाने के लिए जेल अधिकारियों ने ईडी के साथ मिलकर मीडिया ट्रायल करने की कोशिश की है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल के खान-पान के कारण उनका शुगर लेवल बढ़ रहा है। इस पर जेल अथॉरिटी ने कहा कि जब केजरीवाल को जेल में लाया गया था तो वह पहले इंसुलिन ले रहे थे लेकिन बाद में खुद बंद कर दिया था। जेल अथॉरिटी ने कहा कि केजरीवाल को घर से बना खाना देने में कोई शर्त नहीं थी कि वह फल या कुछ भी खायें। दरअसल, वह डाइट फॉलो नहीं कर रहे हैं, हमें एम्स से भी राय मिली है, इसके मुताबिक उन्हें आम से परहेज करना चाहिए। जेल अथॉरिटी ने कहा कि जेल मैनुअल के अनुसार घर का बना खाना कैदी को नहीं दिया जा सकता है।