दिल्ली में अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग मामले पर केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया था। अध्यादेश के जरिए सेवा विभाग से संबंधित मसलों पर अहम फैसला लेने के लिए केंद्र ने NCCSA का गठन किया था। अध्यादेश के जरिए गठित एनसीसीएसए की आज मुख्यमंत्री केजरीवाल की अध्यक्षता में पहली बैठक हुई। इसके बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा 23 जून को पटना में जो विपक्ष की मीटिंग होने वाली है उसमें पहला एजेंडा दिल्ली के लिए लाया गया अध्यादेश होगा।
"ऐसे-ऐसे नियम बना दिए कि चुनी हुई सरकार की नहीं चलेगी"
केजरीवाल ने कहा, "एनसीसीएसए की आज पहली मीटिंग हुई। पहले इस अध्यदेश को समझना होगा। तीन बार दिल्ली में चुनाव हारने के बाद भी इन्होंने ऐसे-ऐसे नियम बना दिए कि चुनी हुई सरकार की नहीं चलेगी, अधिकरियों के चलेगी और अधिकरी केंद्र सरकार के अधीन हैं। इस कमेटी में भी मुख्यमंत्री के ऊपर दो अधिकरी को बिठा दिया। ये पूरी दुनिया में पहली बार हो रहा है। सरकार ऐसे कैसे चलेगी। मंत्री कोई फैसला लेगा और अधिकरी उसे मना कर देगा। कैबिनेट जो भी निर्णय लेगी उसे चीफ सेक्रेटरी तय करेगा कि वो सही नहीं है।"
"अधिकरी पर कार्रवाई को लेकर लेटर आया, लेकिन..."
उन्होंने कहा, "15 दिन पहले मेरे पास एक लेटर आया। उनको एक अधिकरी के ऊपर कार्रवाई करनी थी। मैंने इस पर 2-3 क्लेरिफिकेशन मांगा, लेकिन उन्होंने नहीं दिया और उसे उपराज्यपाल के पास भेज दिया। उपराज्यपाल ने कहा कि तीन में से दो लोग इस पक्ष में हैं, इसलिए अधिकरी को सस्पेंड कर दिया। ये सारी बातें हम कोर्ट में बताएंगे। आज एक अधिकरी के ऊपर कार्रवाई का मुद्दा था, उस पर तीनों सदस्यों की सहमति थी।"