दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की शराब नीति मामले में कथित तौर पर हुए घोटाला मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज की सुनवाई पूरी हो गई। अगली सुनवाई अब शुक्रवार को होगी। आज सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना ने ईडी से कई सवाल पूछे, जिसमें आम चुनावों से पहले गिरफ्तारी के वक्त को लेकर भी पूछा सवाल? कोर्ट ने ईडी से पूछा कि बताएं, आम चुनाव से पहले केजरीवाल की गिरफ्तारी क्यों की गई? इसके साथ ही कोर्ट ने कई तीखे सवाल पूछे...
कोर्ट ने पूछा कि
-क्या न्यायिक कार्यवाही के बिना आप यहां जो कुछ हुआ है उसके संदर्भ में आपराधिक कार्यवाही शुरू कर सकते हैं?
- इस मामले में अब तक कुर्की की कोई कार्यवाही नहीं हुई है और यदि हुई है तो दिखाएं कि मामले में केजरीवाल कैसे शामिल है?
- जहां तक मनीष सिसोदिया के मामले की बात है.. पक्ष और विपक्ष में निष्कर्ष हैं.. तो हमें बताएं कि केजरीवाल का मामला कहां है?
- .उनका मानना है कि धारा 19 की सीमा, जो अभियोजन पर जिम्मेदारी डालती है, न कि आरोपी पर, काफी ऊंची है और इस प्रकार नियमित जमानत की मांग नहीं होती।
- क्योंकि वे धारा 45 का सामना कर रहे हैं और जिम्मेदारी उन पर आ गई है, तो हम इसकी व्याख्या कैसे करें?
- क्या हम सीमा को बहुत ऊंचा बनाएं?
- यह सुनिश्चित करें कि जो व्यक्ति दोषी है उसका पता लगाने के लिए मानक समान हो।
- कार्यवाही शुरू होने और फिर गिरफ्तारी आदि की कार्रवाई के बीच का इतने समय का अंतराल क्यों ?
- किसी का जीवन और आज़ादी महत्वपूर्ण है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कथित दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। अदालत 21 मार्च को ईडी द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका में केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलें सुनीं और ईडी से सवाल पूछे।