नयी दिल्ली। दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को बैठक की और राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर आने की आशंका के मद्देनजर इससे निपटने की तैयारियों और कार्य योजना पर चर्चा की। मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर बताया कि तीसरी लहर से निपटने के लिए दिल्ली सरकार की कार्रवाई योजना में बच्चों के उपचार के वास्ते राज्य स्तरीय कार्य बल, ज्यादा संख्या में स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारी और एक विशेष कार्य बल शामिल है।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि बैठक में उप राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने बिस्तर और ऑक्सीजन के प्रबंधन, दवाइयों और टीकों की उपलब्धता पर भी चर्चा की। दिल्ली सरकार तीसरी संभावित लहर से निपटने की तैयारियों के तहत पांच हजार युवाओं को चिकित्सकों और नर्सों की मदद के लिये प्रशिक्षित करेगी। स्वास्थ्य सहायकों अथवा सामुदायिक नर्सिंग सहायकों को नर्सिंग और स्वास्थ्य देखभाल का दो सप्ताह का प्रशिक्षण शुरू किया जाएगा। यह कार्यक्रम 28 जून से शुरू होगा और प्रत्येक बैच में 500 लोग होंगे।
गौरतलब है कि मई के महीने में केजरीवाल ने 13 सदस्यीय एक समिति गठित की थी, जिसको वर्तमान हालात, तथा शहर में अस्पताल, ऑक्सीजन संयंत्र और दवाओं की आपूर्ति आदि की जरूरत के आकलन के बाद संक्रमण की तीसरी लहर से निपटने के लिए कार्रवाई योजना तैयार करने का जिम्मा दिया गया था। इसके अलावा आठ सदस्यीय एक और समिति गठित की गई थी, जिसे संक्रमण की तीसरी लहर के शमन और प्रबंधन की रणनीति तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
केजरीवाल ने कहा था कि उनकी सरकार ने एक दिन में करीब 37,000 मामलों से निपटने की तैयारी की है। तीसरी लहर के चरम पर इतने मामले सामने आने का अनुमान है। तीसरी लहर के दौरान बच्चों को बचाने के लिए सुझाव देने के वास्ते बालरोग कार्यबल गठित किया गया है। लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल और इंस्टीट्यूट ऑफ लीवर एंड बिलियरी साइंसेज में दो जीनोम सीक्वेंसिंग प्रयोगशालाएं बनाई जा रही हैं, ताकि वायरस के स्वरूप का पता लगाया जा सके। इसके अलावा दिल्ली सरकार जरूरी दवाओं का भंडार करने की दिशा में भी काम कर रही है।