नई दिल्ली: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के 69वें राष्ट्रीय अधिवेशन में शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहुंचे। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, "मैं गौरवान्वित हूं कि मैं विद्यार्थी परिषद का एक ऑर्गेनिक प्रोडक्ट हूं।" अमित शाह ने कहा कि मुझे चार दशक पहले का समय याद आ रहा है, जब मैं कार्यकर्ता के रूप में पिछली पंक्ति में बैठा करता था। चीन युद्ध के बाद पूर्वोत्तर को देश से जोड़े रखने का कार्य करने में परिषद की भूमिका महत्वपूर्ण है। एबीवीपी वह मूर्ति है, जिसे यशवंतराव केलकर, मदनदास देवी, दत्ताजी डिडोलकर जैसे अनेकों महान शिल्पियों ने 75 वर्षों की इस यात्रा में गढ़ा है। चाहे भाषा व शिक्षा का आंदोलन हो या संस्कृति को बरकरार रखना हो, हर क्षेत्र में विद्यार्थी परिषद ने युवाओं के माध्यम से समाज को 'स्व' का महत्त्व बताया है।
'विद्यार्थी परिषद न खुद भटकी, न सरकार को भटकने दिया'
शाह ने अपने संबोधन में आगे कहा, ''छात्र स्वाभाविक रूप से युवा और ऊर्जावान होते हैं, जोश से भरे होते हैं, कभी-कभी रास्ते से भटकने की हद तक पहुंच जाते हैं। फिर भी, विद्यार्थी परिषद दृढ़ बनी हुई है, इसकी संगठनात्मक संरचना इतनी मजबूत और अच्छी तरह से बनाए रखी गई है कि यह अपने रास्ते से नहीं भटकी है। विद्यार्थी परिषद की संगठनात्मक व्यवस्था इतनी मजबूत और सुव्यवस्थित रही कि 75 सालों में न विद्यार्थी परिषद अपने रास्ते से भटकी, न सरकार को भटकने दिया, न समाज को भटकने दिया।''
अधिवेशन में पहुंचे 10 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएं
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अधिवेशन में देश के प्रत्येक जिले व विश्वविद्यालय से 10 हजार से अधिक छात्र-छात्रा पहुंचे हैं। इस वर्ष छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की 350वीं वर्षगांठ भी है। इसी उपलक्ष्य पर एबीवीपी ने गत 28 नवम्बर को महाराष्ट्र के रायगड किले से हिन्दवी स्वराज्य यात्रा भी शुरू की थी जो देश के 75 जिलों से गुजरते हुए विभिन्न स्थानों की मिट्टी कलश में एकत्रित कर 7 दिसंबर को विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अधिवेशन स्थल पर समाप्त हुई।
एबीवीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजशरण शाही ने कहा कि ध्येय की निष्ठा, स्थान की पवित्रता और काल की अनुकूलता पर आयोजित यह अधिवेशन परिषद के कार्यकर्ताओं के लिए महायज्ञ है। एबीवीपी समय के साथ सतत् अपने ध्येय यात्रा को आगे बढ़ा रहा है।
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