नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस की स्थिति की समीक्षा के लिए आज राज्य के सभी राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई जिसमें बीजेपी, कांग्रेस और सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के प्रदेशस्तरीय नेता मौजूद रहे। शाह ने सभी दलों के नेताओं को दिल्ली में कोरोना को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी दी। इसके अलावा उनसे इस लड़ाई को और बेहतर ढंग से सुझाव भी लिए गए। कांग्रेस ने मांग की कि टेस्टिंग सबके लिए होनी चाहिए क्योंकि यह हर एक का अधिकार है। कांग्रेस ने यह भी मांग की है कि कोविड-19 मरीज के परिवार को 10,000 रुपये की मदद दी जाए।
बता दें कि दिल्ली में कोविड-19 के मामलों की संख्या 41 हजार के पार चला गया है। इस महामारी से 1,200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि शाह राजनीतिक दलों के साथ कोविड-19 से निपटने के उपायों पर चर्चा करेंगे। गृह मंत्री ने महामारी से निपटने के लिए रणनीति को मजबूत बनाने के वास्ते रविवार को दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, दिल्ली के तीन नगर निगमों के महापौरों और आयुक्तों के साथ दो उच्च-स्तरीय बैठकें की।
बैजल और केजरीवाल के साथ बैठक के बाद वायरस को फैलने से रोकने के लिए उपायों की घोषणा करते हुए शाह ने कहा कि शहर में अगले दो दिनों में कोविड-19 की जांच की संख्या दोगुनी की जाएगी और इसके बाद इसे तीन गुना किया जाएगा। गृह मंत्री ने कहा कि कुछ दिनों में दिल्ली के निषिद्ध क्षेत्रों में हर मतदान केंद्र पर कोविड-19 की जांच शुरू की जाएगी और संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने के लिए अधिक प्रभावित क्षेत्रों यानी हॉटस्पॉट्स में घर-घर जाकर व्यापक स्वास्थ्य सर्वेक्षण कराया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के मरीजों के लिए बिस्तरों की कमी के मद्देनजर केंद्र दिल्ली को 500 रेलवे बोगियां भी उपलब्ध कराएगा। शाह ने कहा कि नीति आयोग के एक सदस्य वी के पॉल की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के लिए कम से कम दरों पर निजी अस्पतालों द्वारा 60 प्रतिशत बिस्तरों की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जा सके। यह समिति सोमवार तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।