नई दिल्ली. दिल्ली सरकार ने कहा है कि कोरोना वायरस के हल्के लक्षण और बिना लक्षण वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने के 24 घंटे के अंदर छुट्टी दे दी जाए और जिला निगरानी अधिकारी को रिपोर्ट की जाए। अधिकारियों ने बताया कि सभी अस्पतालों से कहा गया है कि वे निर्देशों का सख्ती से पालन करें। सरकार के चार जून के आदेश में कहा है, "हमारे संज्ञान में आया है कि बिना लक्षण वाले और हल्के लक्षण वाले मरीजों को अस्पतालों में भर्ती किया जा रहा है।"
इसमें कहा गया है कि सरकार और दिल्ली स्वास्थ्य विभाग की ओर से पहले जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक, बिना लक्षण और हल्के लक्षण वाले मरीजों को अस्पतालों में भर्ती करने की जरूरत नहीं है और सिफारिश की गई थी कि उन्हें घर में पृथक रखा जाए, अगर घर पृथकवास के लिए उचित नहीं हो तो उन्हें कोविड केंद्र भेजा जाए। आदेश पर स्वास्थ्य विभाग की सचिव पद्मिनी सिंघला के हस्ताक्षर हैं।
आदेश में कहा गया है कि कोविड-19 का हल्के लक्षण वाला मरीज या बिना लक्षण वाले रोगी को अस्पताल से 24 घंटे के अंदर छुट्टी दे दी जाए और जिला निगरानी अधिकारी को इसकी सूचना दी जाए। आदेश में अस्पतालों को चेताया गया है कि आदेश का पालन करने को गंभीरता से लिया जाएगा और अगला नोटिस दिए बिना कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
कोविड-19 के कई मरीजों के परिवार के सदस्यों ने दावा किया है कि उन्हें विभिन्न अस्पतालों में भर्ती करने से इनकार किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि एकीकृत निगरानी कार्यक्रम (आईडीपीएस) ने रिपोर्टिंग का प्रारूप सभी कोविड अस्पतालों के नोडल अधिकारियों के साथ साझा किया है जो सूचना साझा के लिए जिम्मेदार हैं। यह दिल्ली कोरोना एप्प पर भी दिखेगा।आदेश में कहा गया है कि सभी अस्पतालों से कहा गया है कि वे प्रतिदिन संक्रमित मामलों को भर्ती करने, अस्पताल से छुट्टी देने और बेड की उपलब्धता पर रिपोर्टिंग पोर्टल पर सूचना दें। सरकारी आदेश में कहा गया है कि इसके अलावा, कोविड-19 के संदिग्ध मरीज को अस्पताल में भर्ती किया जाता है तो उससे पृथक वार्ड में रखा जाए, लिहाजा कोविड मरीजों के लिए समर्पित बेडों को संदिग्ध मरीजों को न दिए जाएं। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने शुक्रवार को कहा था कि शहर के अस्पतालों में बेडों की कमी की खबरें गुमराह करने वाली हैं।