दिल्ली-एनसीआर में पिछले कुछ दिनों से वायु गुणवत्ता में सुधार देखने को मिल रहा है। इसके मद्देनजर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने सोमवार को समीक्षा बैठक की। इसके बाद ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान के तीसरे फेज (GRAP-3) की पाबंदी को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश दिया। बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-4 पहले ही हटाए जा चुके हैं। ऐसे में यहां ग्रैप-1 और ग्रैप-2 के तहत नियम लागू रहेंगे।
पूरे एनसीआर में सभी संबंधित एजेंसियां वायु गुणवत्ता पर नजर रखेंगी और निगरानी व समीक्षा भी करेंगी, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि AQI का स्तर आगे 'गंभीर' श्रेणी में ना आए। आयोग ने बताया कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी AQI सोमवार को शाम 4 बजे 294 दर्ज किया गया, जो ग्रैप-3 लागू करने की सीमा से लगभग 100 अंक नीचे था।
धूल नियंत्रण के नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा
बता दें कि CAQM ने 29 अक्टूबर को ग्रैप-3 फेज को लागू किया था, जिसके बाद दिल्ली-एनसीआर में निर्माण और ध्वस्तीकरण के कार्यों पर पाबंदी लगा दी गई थी। अब नए आदेश के बाद ये पाबंदियां हटा दी गई हैं। ऐसे में अब एनसीआर में निर्माण और ध्वस्तीकरण के कार्य फिर से शुरू किए जा सकते हैं। हालांकि, संबंधित एजेंसियों और लोगों को धूल नियंत्रण के नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा।
दिल्ली-NCR में ग्रैप-1 और ग्रैप-2 की पाबंदियां जारी रहेंगी
CAQM का कहना है कि प्रदूषण स्तर में सुधार आने के बाद तीसरे फेज की पाबंदी को हटाने का फैसला लिया गया। हालांकि, ग्रैप-1 और ग्रैप-2 से जुड़ी पाबंदियां जारी रहेंगी। आयोग ने कहा कि पूर्वानुमान के मुताबिक, अगले कुछ दिनों में दिल्ली-एनसीआर की समग्र वायु गुणवत्ता में कोई भारी गिरावट का संकेत नहीं मिलने के कारण एक्यूआई के 'खराब' श्रेणी में रहने की संभावना है।
वहीं, दिल्ली सरकार ने वायु गुणवत्ता में सुधार को देखते हुए राजधानी में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाहनों के संचालन पर पाबंदी नहीं बढ़ाने का फैसला लिया है। ग्रैप-3 के तहत इन वाहनों के चलने पर 13 नवंबर तक प्रतिबंध लागू था।