नई दिल्ली: दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर प्रशिक्षण सत्र के दौरान एयर इंडिया के एक पायलट की बेचैनी के चलते मौत हो गई। गुरुवार को एक अधिकारी ने इस मामले की जानकारी दी। बता दें कि मृतक की पहचान हिमानिल कुमार के रूप में की गई। मृतक की उम्र 37 साल बताई गई है।
प्रशिक्षण सत्र में बेहोश होने के दिखे लक्षण
दरअसल, दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल 3 पर एयर इंडिया के संचालन विभाग में प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया था। इसी दौरान हिमानिल कुमार को बेचैनी के लक्षण दिखे। इस पर सहकर्मी उनकी मदद के लिए दौड़े। सहकर्मियों को दिल का दौरा पड़ने का संदेह हुआ। अधिकारियों के अनुसार उन्हें होश में लाने का काफी प्रयास किया गया। काफी प्रयास के बाद भी होश नहीं आया तो उन्हें हवाई अड्डे के अस्पताल में ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
मेडिकल परीक्षा में माने गए फिट
बता दें कि वरिष्ठ कमांडर कुमार नैरो-बॉडी विमानों के बाद वाइड-बॉडी विमानों के संचालन का प्रशिक्षण ले रहे थे। एक अधिकारी ने बताया कि ए320 विमान से बोइंग 777 विमान के संचालन में बदलाव के लिए 3 अक्टूबर को प्रशिक्षण शुरू करते हुए उन्होंने 23 अगस्त को अपनी मेडिकल परीक्षा उत्तीर्ण की थी और उन्हें फिट माना गया था। उनके उड़ान कर्तव्यों के संबंध में थकान से संबंधित कोई चिंता की सूचना नहीं थी। छुट्टी से लौटने के बाद कुमार ने घटना के दिन प्रशिक्षण फिर से शुरू किया था।
दुख में परिवार के साथ खड़ी एयर इंडिया
एयर इंडिया के एक प्रवक्ता ने बताया कि हम अपने सहयोगी कैप्टन हिमानिल कुमार के निधन से दुखी हैं। कैप्टन कुमार एक वरिष्ठ कमांडर थे, जो एक नियमित प्रक्रिया के तहत टी3 दिल्ली हवाई अड्डे पर हमारे संचालन कार्यालय में आए थे। उन्होंने कार्यालय में अचानक बेचैनी महसूस की। सहयोगियों ने तुरंत उनकी मदद की। फिर उन्हें हवाई अड्डे के अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों द्वारा किए गए सभी प्रयासों के बावजूद उनका निधन हो गया। उन्होंने बताया कि कुमार सक्रिय उड़ान ड्यूटी पर नहीं थे और वाइड-बॉडी विमान संचालित करने के लिए रूपांतरण प्रशिक्षण ले रहे थे। एयर इंडिया टीम कैप्टन कुमार के परिवार के साथ दुख में खड़ी है।
(इनपुट: आईएएनएस)
यह भी पढ़ें-
भारत में पहली बार जिसका लिवर ट्रांसप्लांट किया गया था, 25 साल बाद वह खुद बन गया डॉक्टर
छठ महापर्व पर सजेगी दिल्ली, बनाए गए 1000 से अधिक घाट, आतिशी ने कहा- अनुभव होगा शानदार