नयी दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने शुक्रवार को कोविड-19 ड्यूटी के बाद स्वास्थ्य कर्मचारियों की पृथक-वास की जरूरत को समाप्त करने वाले सरकारी निर्णय को 'गैर वैज्ञानिक रवैया' करार देते हुये कहा कि यह स्वास्थ्यकर्मियों, रोगियों एवं महामारी को रोकने के प्रयास के लिए हानिकारक साबित होगा। एम्स के निदेशक को लिखे पत्र में डाक्टरों के संगठन ने कहा कि यदि अस्पताल सेवाओं को चलाने के लिए स्वास्थ्य कर्मचारियों की उपलब्धता एक समस्या है, तो कार्यस्थल पर संक्रमण के प्रसार को रोकने के के उद्देश्य से काम पर लौटने से पहले उनकी जांच का प्रावधान होना चाहिये। आरडीए ने कहा कि पृथक-वास की अवधि को कम करना और ड्यूटी के बाद जांच को आवश्यक बनाने से इंकार करना खतरनाक है जिससे महामारी के खिलाफ लड़ाई कमजोर होगी।