दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गुरुवार को ED ने गिरफ्तार कर लिया। दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा सीएम केजरीवाल को राहत देने से इनकार करने के कुछ ही घंटों बाद, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक टीम गुरुवार की शाम उनके आवास पर तलाशी लेने पहुंची और उनसे आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ की। पूछताछ के बाद दिल्ली के सीएम केजरीवाल को अरेस्ट कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद अरविंद केजरीवाल का पहले मेडिकल टेस्ट कराया गया और आज उन्हें PMLA कोर्ट में पेश किया जाएगा। लेकिन अब सवाल ये उठता है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली की सीएम कौन होगा और आप सरकार कौन चलाएगा?
कौन चलाएगा दिल्ली सरकार?
दरअसल, आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में जब ईडी ने अरविंद केजरीवाल को 9 समन भेजे और दिल्ली सीएम किसी भी समन पर ईडी के सामने पेश नहीं हुए तो उनकी गिरफ्तारी की संभावनाएं पहले ही बन चुकी थीं। अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की संभावना के चलते आम आदमी पार्टी ने पहले ही दिल्ली की जनता से इस मुद्दे पर मैंडेट ले लिया था।
बता दें कि केजरीवाल की गिरफ्तारी की बढ़ती संभावनाओं के चलते आम आदमी पार्टी की तरफ से दिल्ली में 1 दिसंबर 2023 से 'मैं भी केजरीवाल' सिग्नेचर कैंपेन चलाया गया था। ये अभियान करीब तीन हफ्ते चला था जिसमें लोगों से पूछा गया था कि अगर अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार होते हैं तो उन्हें जेल से ही अपनी सरकार चलाना चाहिए या फिर इस्तीफा दे देना चाहिए? इस सर्वे से पहले AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा था कि संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि एक मुख्यमंत्री को ट्रायल के नाम पर जेल में डालने की कोशिश की जाए तो जेल जाने से पहले सीएम को इस्तीफा देना पड़ेगा।
जेल से ही सरकार चलाएंगे केजरीवाल
'मैं भी केजरीवाल' सिग्नेचर कैंपेन के दौरान सौरभ भारद्वाज ने कहा था कि सभी विधायकों की राय है कि चाहे पुलिस कस्टडी से सरकार चले या जेल से चले... अरविंद केजरीवाल ही दिल्ली की सरकार चलाएंगे और वही मुख्यमंत्री रहेंगे, क्योंकि वोट उनके नाम पर मिला है। तब सौरभ भारद्वाज ने कहा था कि सभी विधायकों इस बात पर एक राय थे कि अरविंद ही मुख्यमंत्री रहें। अधिकारी जेल में ही जाएंगे, हम कैबिनेट मंत्री भी वहीं काम कराने जाएंगे और जैसा माहौल है, हो सकता है कि हम सब जेल ही चलें जायें। ऐसा हुआ तो भी वहीं से सरकार चलेगी।
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