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Uphar Cinema Tragedy: उपहार अग्निकांड के 25 साल लेकिन आज भी दिल्ली में नहीं थम रहीं वीभत्स आग की घटनाएं

उपहार सिनेमा अग्निकांड से लेकर मुंडका, नरेला और अब भागीरथ पैलेस तक दिल्ली में लगातार आग लगने की घटनाएं बढ़ रही हैं।

Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published on: December 04, 2022 20:04 IST
उपहार सिनेमा अग्निकांड के बाद की तस्वीर- India TV Hindi
Image Source : PTI/FILE PHOTO उपहार सिनेमा अग्निकांड के बाद की तस्वीर

उपहार सिनेमा अग्निकांड को 25 साल हो गए। इस अग्निकांड में 59 लोगों की जान चली गई थी। इस घटना ने 25 साल पहले पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। लेकिन इतने बड़े कांड के बाद भी दिल्लीवासियों को बार-बार होने वाली आग की घटनाओं के खतरे का आज भी सामना करना पड़ता है। हर बार नाराज नागरिक पूछते हैं, दिल्ली में अग्नि सुरक्षा उपायों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए अधिकारी सख्त क्यों नहीं हैं?

उपहार सिनेमा अग्निकांड में मारे गए थे 59 लोग

उपहार सिनेमा अग्निकांड से लेकर मुंडका, नरेला और अब भागीरथ पैलेस तक शहर में लगातार आग लगने की घटनाएं बढ़ रही हैं। इसमें निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं। 25 साल पहले की बात है। दक्षिण दिल्ली के ग्रीन पार्क में उपहार सिनेमा हुआ करती थी। दोपहर के 3 बजे फिल्म 'बॉर्डर' की स्क्रीनिंग चल रही थी। इस दौरान सिनेमा हॉल में आग लग गई। इस घटना में 59 लोगों की मौत हो गई और 103 लोग घायल हो गए थे। यह दिल्ली के सबसे भीषण अग्निकांडों में से एक था। 

उपहार के बाद भी जारी हैं अग्निकांड 

  1. साल 1997 में हुई उपहार त्रासदी के दो साल बाद पुरानी दिल्ली के लाल कुआं में एक केमिकल फैक्ट्री में आग लग गई, जिसमें 57 लोग मारे गए। 
  2. 2011 में नंद नगरी में किन्नरों के एक सामुदायिक समारोह में आग लगने से 14 लोग मारे गए थे और 30 से अधिक घायल हो गए थे।
  3. साल 2018 सबसे खराब रहा। उस साल तीन बार आग की घटनाएं हुईं। बवाना इंडस्ट्रियल एरिया में बिना लाइसेंस पटाखा बनाने वाली फैक्ट्री में जनवरी में आग लगने से 17 मजदूरों की मौत हो गई। 
  4. अप्रैल 2018 में कोहाट एन्क्लेव में आग लगने से दो नाबालिगों सहित एक परिवार के चार सदस्यों की मौत हो गई थी और नवंबर में करोल बाग की एक फैक्ट्री में आग लगने से चार लोगों की मौत हो गई थी और एक घायल हो गया था।
  5. फरवरी 2019 में करोल बाग के होटल अर्पित पैलेस के एक कमरे में एयर कंडीशनर में शॉर्ट-सर्किट से लगी आग में 17 लोगों की मौत हो गई थी। होटल के पास फायर अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं था।
  6. उसी साल दिसंबर में पुरानी दिल्ली की अनाज मंडी में एक पांच मंजिला आवासीय इमारत, जिसके परिसर में कुछ अवैध इकाइयां चल रही थीं, में फंसे 43 मजदूर मारे गए थे।
  7. पिछले साल पश्चिमी दिल्ली के उद्योग नगर में एक जूता फैक्ट्री में आग लगने से 6 श्रमिकों की मौत हो गई थी।

साल 2022 में भी सामने आए बड़े अग्निकांड 

  1. इस साल की बात करें तो जनवरी से अब तक आग लगने की 10 से ज्यादा घटनाएं हो चुकी हैं। पूर्वोत्तर दिल्ली के गोकुलपुरी में एक कारखाने में 12 मार्च को आग लग गई। इससे पास की झुग्गियों में भी आग लग गई और तीन नाबालिग और एक गर्भवती महिला सहित सात लोगों की मौत हो गई। 
  2. मई में मुंडका में लगी आग ने 27 लोगों की जान ले ली थी। 
  3. हाल ही में पुरानी दिल्ली के भागीरथ पैलेस बाजार की तंग गलियों में एक फैक्ट्री दुर्घटना हुई थी। करीब 150 दुकानें जलकर खाक हो गईं, जबकि भीषण आग लगने के बाद चार इमारतें आंशिक रूप से ढह गईं। 
  4. पिछले महीने नरेला में एक बार फिर आग लग गई। जिस फैक्ट्री में 1 नवंबर को आग लगने से छह लोगों की मौत हो गई थी और 14 घायल हो गए थे।
  5. सदर बाजार में एक दिसंबर को करीब 10 वाहनों में आग लग गई थी।

2017 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि दक्षिणी दिल्ली में हौज खास गांव एक टिक-टिक करने वाला टाइम बम है। लेकिन लगता है कि इन घटनाओं से कोई सबक नहीं सीखा गया है। शहर में आग की आशंका वाले कई इलाके हैं, जहां रिहायशी इलाकों में फैक्ट्रियां संचालित की जा रही हैं। दिल्ली के कई हिस्सों में इकाइयां अनियंत्रित रूप से बढ़ती जा रही हैं।

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