खालिस्तानी समर्थक, कट्टरपंथी प्रचारक और 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल की आज सोमवार शाम तक गिरफ्तारी हो सकती है। उसके ड्राइवर और चाचा ने जालंधर पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। इस बीच, आम आदमी पार्टी (AAP)की विधायक आतिशी सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि मैं पंजाब के मुख्यमंत्री को बधाई देना चाहूंगी। उन्होंने कहा कि जिस हिसाब से दो दिनों से कार्रवाई हुई है, उसमें सीएम और पंजाब पुलिस बधाई के पात्र हैं।
अमन-चैन भंग नहीं करने दिया जाएगा- आतिशी
आतिशी सिंह ने कहा, "पंजाब में किसी को भी अमन-चैन भंग नहीं करने दिया जाएगा। एक समय हम से कहा जाता था कि पंजाब एक सीमावर्ती राज्य है, क्या वहां पर सरकार लॉ एंड ऑर्डर ठीक कर सकती है? आज उसका जवाब मिल गया है। एक ईमानदार सरकार होने की वजह से ही ये सब संभव हो पाया है। पिछली सरकारों में ऐसे लोगों को प्रोटेक्शन दिया गया, इसलिए ये लोग इतने हथियार जमा कर पाएं, लेकिन अब इनके खिलाफ निर्णायक कार्रवाई हो रही है।"
अमृतपाल की तलाश जारी
अमृतपाल की तलाश में पंजाब से लेकर देश के अलग-अलग स्टेट में एक्शन जारी है। इस बीच, अमृतपाल को लेकर हैरान करने वाला खुलासा हुआ है। अमृतपाल ISI की शह पर ही अपनी प्राइवेट आर्मी तैयार कर रहा था। जांच में ये साफ हो गया है कि AKF यानी आनंदपुर खालसा फोर्स के गठन के पीछे ISI का ही हाथ था।बता दें कि खालिस्तान की मांग को लेकर सबसे पहले जरनैल सिंह भिंडरावाले ने भिंडरावाले टाइगर फोर्स का गठन किया। 1980 के दशक में भिंडरावाले ने पंजाब को आतंकवाद की आग में झोंक दिया। फिर दीप सिद्धू ने कुछ इसी तरह के मंसूबे के साथ 'वारिस पंजाब दे' का गठन किया और अब अमृतपाल सिंह ने AKF का गठन कर एक बार फिर पंजाब में आग लगाने का मंसूबा पाल लिया।
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