नई दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी पार्टी के विधायक राघव चड्ढा के कार्यालय की मदद से एक व्यक्ति अपनी 15 वर्षीय बेटी का पता लगाने में कामयाब रहा। इस शख्स की बेटी 7 सितंबर को देर रात तक ट्यूशन से घर नहीं लौटी। वह मध्य दिल्ली के राजेन्द्र नगर में ट्यूशन पढ़ने गई थी, लेकिन जब उसकी तलाश की गई तो वह वहां नहीं मिली। हताश पिता ने बेटी की तलाश में उसके दोस्तों को फोन किया। इस दौरान उनमें से एक ने बताया कि उनकी बेटी को एक व्यक्ति अपने साथ ले गया है जो एक हफ्ते से भी ज्यादा समय से उसका पीछा कर रहा था।
‘एक शख्स मेरी बेटी को बिहार ले जा रहा था’
उन्होंने दावा किया कि वह पुलिस के पास गए थे, लेकिन शुरूआत में पुलिस ने उनकी कोई खास मदद नहीं की। लड़की के पिता ने कहा कि कई बार थाने के चक्कर लगाने के बाद उन्हें सीसीटीवी फुटेज दिखाई गई, जिसमें पता चला कि उनकी बेटी को बस से बिहार ले जाया जा रहा है। लड़की के पिता ने कहा, 'पुलिस ने इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज की। सीसीटीवी फुटेज में मैंने देखा कि एक व्यक्ति मेरी बेटी को बस से बिहार ले जा रहा है। मेरे होश उड़ गए और मैं समझ नहीं पा रहा था कि अब क्या करूं।' उन्होंने कहा कि इसके बाद मैंने राजेन्द्र नगर से विधायक राघव चड्ढा के कार्यालय को फोन कर अपनी बेटी को ढूंढने के लिये मदद मांगी।
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‘विधायक के कार्यालय ने मदद का हाथ बढ़ाया’
लड़की के पिता ने कहा, 'विधायक के कार्यालय ने तत्काल मेरी मदद के लिये हाथ बढ़ाया। विधायक खुद ही इस मामले की ताजा जानकारी लेने के लिये रोजाना एसएचओ को फोन किया करते थे।' इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए चड्ढा ने कहा कि वह अपने विधानसभा क्षेत्र के सभी निवासियों की हरसंभव मदद करते हैं। उन्होंने कहा, 'वे माता-पिता जिनका बच्चा खो गया हो, अकल्पनीय पीड़ा से गुजरते हैं। मेरी हमेशा कोशिश रहती है कि ऐसी कोई स्थिति किसी से सामने पैदा न हो। मैं जिस तरह भी संभव होता है, लोगों की मदद करता हूं।' चड्ढा के कार्यालय में काम करने वाले अभिषेक ने कहा, 'जैसे ही हमें इस घटना के बारे में पता चला, हमने सभी जगह इसकी जानकारी दी और तस्करी रोधी एनजीओ के नेटवर्कों से संपर्क साधा।'
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‘जब बेटी से मिला तो वह डर से कांप रही थी’
इस मामले को देख रहे अधिवक्ता आकाश चटर्जी ने कहा कि सीआरपीसी की संबंधित धाराओं के तहत अदालत में आवेदन दाखिल किया गया, जिसके बाद अदालत ने पुलिस को कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, 'यह आदेश हमारे लिए बहुत फायदेमंद साबित हुआ।' इस बीच सभी की मेहनत तब रंग लाई जब 2 अक्टूबर को लड़की के पिता को पुलिस ने फोन कर बताया कि उनकी बेटी का पता लगा लिया गया है और उसे घर लाया जा रहा है। लड़की के पिता ने कहा कि 3 अक्टूबर को जब वह अपनी बेटी से मिले तो वह डर के मारे कांप रही थी। (भाषा)