
नई दिल्लीः दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने पूरा जोर लगा दिया। इस बीच आम आदमी पार्टी के सात सीटिंग विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। सबसे पहले महरौली विधायक नरेश यादव के इस्तीफे की खबर सामने आई। इसके एक के बाद एक कई विधायकों ने आम आदमी पार्टी को अलविदा कहना शुरू कर दिया। अभी तक कुल सात विधायकों ने आम आदमी पार्टी छोड़ी है। जिन विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दिया है उन सभी के टिकट काट दिए गए गए थे।
इन विधायकों ने छोड़ी पार्टी
पालम की विधायक भावना गौड़, महरौली से नरेश यादव, जनकपुरी के विधायक राजेश ऋषि, कस्तूरबा नगर से मदन लाल, त्रिलोकपुरी के रोहित महरौलिया, बिज़वासन के विधायक भूपेंद्र सिंह जून और आदर्श नगर के विधायक पवन शर्मा ने आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
महरौली विधायक नरेश यादव ने इस्तीफा देने की बताई ये वजह
महरौली विधायक नरेश यादव ने केजरीवाल को लिखे पत्र में कहा है कि आम आदमी पार्टी का उदय भ्रष्टाचार के खिलाफ हुआ था लेकिन अब मैं बहुत दुखी हूं कि भ्रष्टाचार आम आदमी पार्टी बिल्कुल भी कम नहीं कर पाई बल्कि पार्टी ही भ्रष्टाचार के दलदल में लिप्त हो चुकी है। मैंने आम आदमी पार्टी ईमानदारी की राजनीति के लिए ही ज्वाइन की थी। आज कहीं भी ईमानदारी नजर नहीं आ रही है। मैंने महरौली विधानसभा में पिछले 10 सालों से लगातार 100 फीसदी ईमानदारी से काम किया है।
मैंने महरौली के बहुत से लोगों से चर्चा की, सभी ने यही कहा कि आम आदमी पार्टी अब पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त हो चुकी है। आपको इस पार्टी को छोड़ देना चाहिए क्योंकि इन्होंने लोगों के साथ धोखा किया है। इसलिए आम आदमी पार्टी की भ्रष्ट राजनीति को देखते हुए मैं पार्टी को छोड़ना चाहता हूं और इस पार्टी से मैं सभी पदों से अपना इस्तीफा देता हूं।
विधायक पवन शर्मा ने इस्तीफे की बताई ये वजह
केजरीवाल को लिखे पत्र में पवन शर्मा ने कहा है कि मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता सहित सभी पदों से इस्तीफा देता हूं। आम आदमी पार्टी जिस विचाधारा पर बनी थी। उस विचारधारा से पार्टी भटक चुकी है। आम आदमी पार्टी की यह दुर्दशा देख कर मन बहुत दुखी है। कृपया करके मेरा इस्तीफा स्वीकार किया जाये।
भूपेंद्र सिंह जून ने इस्तीफे की क्या बताई वजह
भूपेंद्र सिंह जून ने केजरीवाल को लिखे पत्र में कहा है कि मैं तत्काल प्रभाव से आम आदमी पार्टी (आप) से अपना इस्तीफा देता हूं। जिन मूल्यों और सिद्धांतों पर पार्टी की स्थापना हुई थी, उससे पार्टी भटक गई है। पार्टी ने शुरू में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्तियों को टिकट या सदस्यता देने के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया। हालांकि, अब उसने बिजवासन से एक ऐसे उम्मीदवार को मैदान में उतारने का फैसला किया है, जिसके खिलाफ कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। ऐसे ही एक मामले में उन्हें दोषी भी ठहराया जा चुका है।
इसके अलावा, 29.01.2025 को उनके और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के लिए एक और एफआईआर दर्ज की गई, जो एक बेहद गंभीर अपराध है। ईमानदार कार्यकर्ताओं और जन प्रतिनिधियों की आवाज़ को अक्सर दरकिनार कर दिया जाता है और महत्वपूर्ण निर्णय बिना परामर्श या आम सहमति के लिए जाते हैं।
मदन लाल ने इस्तीफे की बताई ये वजह
विधायक मदन लाल ने अपने इस्तीफे में कहा है कि मैं आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं क्योंकि आम आदमी पार्टी जनता में अपना विश्वास खो दिया है।
विधायक भावना गौड़ ने इस्तीफे में क्या लिखा
विधायक भावना गौड़ ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि मैं आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रही हूं। आप (केजरीवाल) और पार्टी ने जनता में विश्वास खो दिया है।
राजेश ऋषि ने अपने इस्तीफे में क्या लिखा
राजेश ऋषि ने इस्तीफे में कहा है कि मैं आम आदमी पार्टी (आप) की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों और जिम्मेदारियों से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे रहा हूं। पार्टी अन्ना हजारे के सिद्धांतों, ईमानदारी, भ्रष्टाचार रोकने के लिए बनी थी। हालांकि, मुझे यह देखकर दुख होता है कि पार्टी अपने मूल सिद्धांतों को त्याग कर भ्रष्टाचार में डूब गई है। पार्टी भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद का एक कटोरा बन गई है।
रोहित कुमार मेहरौलिया ने इस वजह से दिया इस्तीफा
रोहित कुमार मेहरौलिया ने केजरीवाल को लिखे पत्र में कहा है कि मैं आंदोलन के समय अपनी 15 साल पुरानी नौकरी छोड़कर यह सोचकर आपके साथ जुड़ा था कि हजारों सालों से छुआछूत, भेदभाव और शोषण का दंश झेलते जा रहे मेरे समाज को आप शायद बराबरी का दर्जा व सामाजिक न्याय दिलाकर बाबा साहेब के सपनों की सरकार करेंगे। आपने कई बार सार्वजनिक मंत्रों से यह कहा था कि जब हम सत्ता में आएंगे तो दलित समाज/बाल्मीकि समाज के लोगों को आगे बढ़ाने के लिए काम करेंगे। कच्चे कर्मचारियों को पक्का करेंगे और ठेकेदारी प्रथा को पूरी तरह से बंद करेंगे।
आपकी बात पर भरोसा करके मेरे समाज ने एक तरफा आपको लगातार समर्थन दिया, जिसके बूते पर दिल्ली में तीन-तीन बार आम आदमी पार्टी की सरकार बनी। बावजूद इसके ना तो ठेकेदारी प्रथा बंद हुई और ना ही 20-20 साल से कच्ची नौकरी पर काम करने वाले लोगों को पक्का किया गया। कुल मिलाकर आपने मेरे समाज के लोगों के साथ होने वाले भेदभाव और शोषण को रोकने के लिए अभी तक कुछ नहीं किया बल्कि आपने अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए मेरे समाज को केवल वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया है।