नई दिल्ली: स्कूल के समय में कई बार किसी गलती पर आपको क्लास के बाहर खड़े होने की सजा मिली होगी। यह सजा बड़ी ही शर्मिंदगी भरी होती थी और आजकल भी यह सजा स्कूलों में खूब दी जाती है। लेकिन देश की राजधानी दिल्ली में यही सजा एक विधायक को मिली है। यहां एक कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के एक विधायक को एक मामले में पूरे दिन कोर्ट ने खड़े रहने की सजा सुनाई है।
साल 2020 में एक छात्र को पीटने का था मामला
अदालत ने बुधवार को आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी को 2020 में एक छात्र को चोट पहुंचाने के मामले में अदालत के उठने तक अदालत कक्ष में उपस्थित रहने की सजा सुनाई। अदालत के उठने तक की सजा, एक दोषी व्यक्ति को दी जाने वाली नाममात्र की सजा है, जिसके तहत दोषी अदालती कार्रवाई के समाप्त होने तक बाहर नहीं जा सकता है। विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने यह कहते हुए आदेश सुनाया कि दोषी की समाज में गहरी जड़ें हैं और वह समाज के लिए खतरा नहीं है।
कोर्ट ने 30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया
न्यायाधीश ने त्रिपाठी पर 30,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया, जिसमें से 6,500 रुपये अभियोजन पक्ष द्वारा खर्च की गई कार्यवाही की लागत के रूप में जमा किए जाएंगे और शेष राशि पीड़ित संजीव कुमार को मुआवजे के रूप में दी जाएगी। अदालत ने 25 मार्च को त्रिपाठी को IPC की धारा 323 के तहत दोषी ठहराया था। इस अपराध के तहत अधिकतम एक साल सजा के कावारास की सजा का प्रावधान है। अभियोजन पक्ष के अनुसार, प्राथमिकी फरवरी 2020 में एक छात्र की शिकायत पर दर्ज की गई थी, जिसने दावा किया था कि सात फरवरी, 2020 को जब वह घर जा रहा था, तब आरोपी ने झंडेवालान चौक पर उसकी पिटाई की थी।