आम आदमी पार्टी (आप) ने सोमवार को कहा कि उसने दिल्ली में समय पूर्व (नवंबर में) चुनाव कराने की मांग करके इस मामले में गेंद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पाले में डाल दी है और अब यह विपक्षी पार्टी (भाजपा) पर निर्भर है कि वह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का सामना करने के लिए तैयार है या नहीं। दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केजरीवाल मंगलवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे और उसके बाद उनके स्थान पर नए चेहरे के चयन की प्रक्रिया शुरू होगी। उन्होंने कहा कि इस पर अभी कोई चर्चा नहीं हुई है कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "आज छुट्टी है और कल सप्ताह का पहला कार्य दिवस है। वह (केजरीवाल) उपराज्यपाल को कल अपना इस्तीफा सौंपेंगे और इस्तीफा स्वीकार होने के बाद नए नाम पर फैसला करने के लिए पार्टी विधायकों की बैठक होगी।"
सौरभ भारद्वाज ने कही ये बात
भारद्वाज ने कहा कि इस पद के लिए चुना गया व्यक्ति उपराज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति के समक्ष अपना दावा पेश करेगा। भारद्वाज ने कहा, "हमारे पास बहुमत है और हमें आमंत्रित किया जाएगा और फिर शपथ ग्रहण की प्रक्रिया होगी। इसमें एक सप्ताह का समय लगेगा।" ‘ आप’ संयोजक केजरीवाल ने रविवार को इस्तीफा देने और तब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठने की घोषणा की, जब तक जनता उन्हें ‘‘ईमानदारी का प्रमाणपत्र’’ नहीं दे देती। केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में समय पूर्व चुनाव कराने की मांग की। भाजपा ने कहा है कि यदि केजरीवाल समय पूर्व चुनाव चाहते हैं तो उन्हें अपने इस्तीफे को लेकर यह ‘‘नाटक’’ करने के बजाय दिल्ली विधानसभा भंग कर देनी चाहिए। भारद्वाज ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, "गेंद भाजपा के पाले में है। अगर वे केजरीवाल का सामना करने के लिए तैयार हैं तो वे समय से पूर्व चुनाव कराने का फैसला कर सकते हैं।"
मुख्यमंत्री के पीछे खड़ा है केंद्र
‘आप’ के वरिष्ठ नेता ने कहा कि दिल्ली चुनाव पहला ऐसा चुनाव होगा जो ‘‘ईमानदारी’’ के मुद्दे पर लड़ा जाएगा। उन्होंने कहा, "केंद्र अपनी सभी एजेंसियों के साथ मिलकर मुख्यमंत्री के पीछे पड़ा हुआ है। उन्होंने उन्हें बदनाम करने के लिए सभी प्रयास किए हैं। इसके बावजूद उन्हें लोगों और अपनी ईमानदारी पर भरोसा है। यह एक ऐतिहासिक घटना है।" मंत्री ने कहा कि केजरीवाल की घोषणा से हर जगह आम लोगों के बीच चर्चा शुरू हो गई है। उन्होंने कहा, "लोग जल्दी से जल्दी मतदान करना चाहते हैं और केजरीवाल को चुनने के लिए समय पूर्व चुनाव चाहते हैं। भाजपा के खिलाफ नाराजगी है। भगवान राम ने अपने आदर्शों की खातिर अपना राजपाट त्याग दिया था और वनवास जाना चुना था। उनके स्थान पर चुने गए भरत ने भगवान राम के लौटने का इंतजार किया।" उन्होंने कहा, "केजरीवाल राम नहीं हैं, लेकिन अपनी कुर्सी छोड़कर वह एक उदाहरण पेश कर रहे हैं।"
(इनपुट-भाषा)