नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने आज राजधानी दिल्ली में मौजूदा मंत्री और सत्तारूढ़ आप नेता आतिशी को नोटिस दिया है। वहीं क्राइम ब्रांच की नोटिस के बाद आतिशी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कल क्राइम ब्रांच के एक दर्जन अधिकारी एक तथाकथित नोटिस लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री के घर पर पहुंचे और कहते हैं कि नोटिस मुख्यमंत्री के हाथ में ही देंगे। आज वही आधा दर्जन अधिकारी मेरे घर पर पहुंचे, दो-तीन घंटे तक इंतजार किया। कहते हैं क्राइम ब्रांच का नोटिस है और नोटिस सीधा मंत्री जी के हाथ में देना है।
डरपोक है दिल्ली पुलिस
मंत्री आतिशी ने कहा कि हमें अधिकारियों पर दया आती है। जब पुलिस सेवा में आए होंगे तब सोचा होगा कि देशवासियों के लिए कुछ करेंगे। लेकिन आज उनके राजनीतिक आकाओं ने उन्हें एक नौटंकी बनाकर छोड़ दिया है। बेचारे दिल्ली पुलिस वाले कहते हैं कि हम मीडिया के सामने बात नहीं कर सकते हैं, तो पूरे दिल्ली में और पूरे देश में ये मैसेज जाता है कि दिल्ली पुलिस डरपोक है। आप ये सोचिये कि दिल्ली के क्रिमिनल क्या सोचेंगे कि इन पुलिस वालों से डरना है जो डरपोक हैं।
मजेदार है क्राइम ब्रांच की नोटिस
उन्होंने कहा कि कल क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने तीन-चार घंटे की नौटंकी के बाद सीएम को एक नोटिस दिया, वहीं आज मेरे घर भी नौटंकी के बाद एक नोटिस दी। ये नोटिस मजेदार है, ये ना तो कोई FIR है, ना ये कोई समन है, ना इसमें IPC की कोई धारा है और ना ही कोई CrPC की धारा है, ना इसमें PMLA की धारा है, ना इसमें करप्शन की कोई धारा है। तो कुल मिलाकर क्राइम ब्रांच 48 घंटे की नौटंकी के बाद मुझे और सीएम अरविंद केजरीवाल को एक-एक चिट्ठी देकर चले गए हैं।
पुलिस वालों के आका पूछना चाहते हैं सवाल
आतिशी ने आगे कहा कि कल जो हुआ वो पुलिस वालों की गलती नहीं है, उनके राजनीतिक आका हमसे कुछ सवाल पूछना चाहते हैं। वो पूछना चाहते हैं कि किसने आम आदमी पार्टी के विधायकों को ऑफर किया, तो मैं बताना चाहती हूं कि किसने ये करोड़ों का ऑफर दिया। ये वही लोग हैं जिन्होंने 2016 में उत्तराखंड में कांग्रेस के 9 विधायकों को कांग्रेस से तोड़कर बीजेपी में शामिल किया था। जुलाई 2019 में जब कांग्रेस के 14 विधायक भाजपा में चले गए, तो इसमें जो लोग कांग्रेस विधायकों के पास गए वही लोग आम आदमी पार्टी के विधायकों के पास आए थे।
अलग-अलग राज्यों में विधायकों को तोड़ा
उन्होंने आगे भी गिनाते हुए कहा कि कर्नाटक में 2019 में कांग्रेस और जेडीएस के 17 विधायक टूटकर भाजपा में चले गए, जो लोग उन 17 विधायकों को पैसा ऑफर करने आए थे वही आप विधायकों के पास भी आए थे। मध्य प्रदेश में 2020 में 22 कांग्रेस विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे, जो उन्हें तोड़ने आए थे, वहीं आप विधायकों के पास आए। जून 2022 में महाराष्ट्र में जो लोग शिवसेना तोड़ने के लिए आए थे, वही लोग आप विधायकों के पास आए थे। तो मैं क्राइम ब्रांच के राजनीतिक आकाओं को बता देना चाहती हूं कि वो कौन लोग हैं जो एक-एक करके विपक्ष के नेताओं को तोड़ रहे हैं।
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