नयी दिल्ली: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को कहा कि दिल्ली सरकार ने 800 घाट तैयार किए हैं ताकि लोग छठ पूजा कर सकें। सिसोदिया ने लोगों से छठ पूजा समारोह के दौरान सभी कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की। सिसोदिया ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘2015 तक, छठ पूजा के लिए केवल 80 घाट हुआ करते थे और वे आम लोगों के लिए नहीं थे, बल्कि भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की समितियों द्वारा चलाए जाते थे।
हालांकि, आम आदमी पार्टी के सत्ता में आने के बाद हमने सुनिश्चित किया कि लोग, मोहल्ला स्तर पर सरकार की मदद से समितियां बना सकते हैं और घाट तैयार कर सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि शहर में करीब 800 घाट हैं जहां छठ पूजा धूमधाम से मनाई जाएगी।
मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘‘त्योहार मनाते समय, कृपया सभी सावधानियों का पालन करें। कोविड-19 अभी भी है। त्योहार मनाएं लेकिन कृपया सावधान रहें।’’ छठ पूजा दिवाली के बाद मनायी जाती है और इस दौरान उपवास रखने वाली महिलाएं घुटने तक पानी में खड़े होकर सूर्य देव को ‘‘अर्घ्य’’ देती हैं। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि जब बड़ी संख्या में लोग छठ मनाएंगे तो पानी से कोरोना वायरस संक्रमण फैल सकता है।
भाजपा सांसद ने डीडीएमए के प्रतिबंधों के बावजूद यमुना किनारे छठ पूजा की तैयारियों की शुरुआत की
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद प्रवेश वर्मा ने दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की ओर से राजधानी के यमुना घाटों पर छठ पूजा के आयोजन पर रोक लगाए जाने के बावजूद सोमवार को आईटीओ के निकट स्थित एक घाट पर पूजा अर्चना की और सूर्य देव की आराधना वाले इस त्योहार की तैयारियों की शुरुआत की। पश्चिमी दिल्ली के सांसद वर्मा आईटीओ के निकट स्थित एक छठ घाट पर भाजपा कार्यकर्ताओं और पूर्वांचली समाज के लोगों के साथ पहुंचे और वहां ‘पूजा-अर्चना’ की। नहाय-खाय के साथ ही आज से देशभर में छठ पूजा की शुरुआत हो गई।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बड़ी संख्या में बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोग रहते हैं, जिन्हें ‘पूर्वांचली’ कहा जाता है। कोविड महामारी के चलते डीडीएमए ने इस साल यमुना घाटों पर छठ पूजा के आयोजन पर रोक लगा दी है। डीडीएमए ने प्रशासन और पुलिस को इस रोक का सख्ती से पालन करने का निर्देश भी जारी किया है। आदेश की अवहेलना करने वालों के खिलाफ डीडीएमए ने कानूनी प्रावधानों के तहत कार्रवाई की बात भी कही थी। यह पूछे जाने पर कि क्या पुलिस की ओर से भाजपा सांसद के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाएगी, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि भाजपा सांसद वहां पूजा की तैयारियों के लिए गए थे। उन्होंने कहा, ‘‘यदि कोई डीडीएमए के आदेशों का 10 नवंबर को उल्लंघन करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और सजा दी जाएगी।’’
बता दें कि, दस नवंबर को छठ की मुख्य पूजा होगी। उस दिन शाम को अर्घ्य दिया जाएगा। इस आदेश को लेकर राजधानी की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप) और भाजपा के बीच पिछले कई दिनों से जुबानी जंग जारी है। इस पर्व के राजनीतिक मायने भी हैं क्योंकि पूर्वांचल (पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार) के लोग भारी संख्या में शहर में निवास करते हैं जो कि वोट बैंक के लिहाज से दोनों दलों के लिए अहम हैं। वर्मा ने रविवार को इस प्रतिबंध की अवहेलना कर घाट पर छठ पूजा करने के लिए कहा था। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उन्हें रोककर दिखाने की चुनौती दी थी।