नई दिल्ली। नार्थ डिस्ट्रिक्ट की साइबर सेल ने चार दिन के चेज के बाद चार राज्यो में छापेमारी करके जमानत मिलने के बाद फरार हुए तीन धोखेबाजों को गिरफ्तार कर लिया है। चीटर्स क्रेडिट कार्ड के प्वाइंट्स का लालच देकर धोखाधड़ी करते थे। आरोपी विकास झा पीएचपी कोडिंग इस्तेमाल करके एजुकेशन के नाम पर एक वेबसाइट बनाकर उसमें ईमेल फोन नंबर सीवीवी का कॉलम ऐड करता था।
विक्टिम इस फॉर्म में अपनी डिटेल्स भरते और ठगी का शिकार हो जाते। पेटीएम के जरिए एकाउंट्स में पैसे जैसे ही जाते आरोपी बैंक से पैसा निकालकर फरार हो जाते। आरोपी फर्जी एकाउंट से पैसा निकालने के लिए पुणे, पणजी, बैंगलोर, चंडीगढ़, शिमला, आगरा, करनाल जाकर पैसे निकालते थे। चीटर्स के पास से 15 मोबाइल फोन, 39 सिम कार्ड, 12 बैंक एकाउंट्स, एक लैपटॉप, 3 वाईफाई डोंगल बरामद किए गए हैं।
नार्थ दिल्ली की साइबर सेल ने साइबर फ्रॉड करके लोगों को क्रेडिट कार्ड के प्वाइंटर्स दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले इंटरस्टेट गैंग के तीन आरोपी विकास झा, विक्की उर्फ हिमांशु उर्फ सोनू और अविनाश को गिरफ्तार किया है। एमएचए की साइबर कम्प्लेंट पोर्टल पर एक शिकायत मिली थी जिसमें बुराड़ी के रहने वाले एक शख्स ने शिकायत कि उसके खाते से बिना ओटीपी शेयर किए 37000 रुपए निकल गए। जांच में पता लगा उसे ब्लक में मैसेज आए थे, क्रेडिट कार्ड के प्वाइंट्स के किए जिसमें उसने डिटेल्स शेयर की थी।
साइबर सेल ने 8 मार्च को आईपीसी आई धारा 420 में बुराड़ी थाने में एफआईआर दर्ज करके जांच शुरू की। इसके बाद टेक्निकल सर्विलांस की मदद से पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार किया। जांच में पता लगा विकास झा को कम्प्यूटर इंटरनेट की अच्छी जानकारी थी, जिसके लिए उसने फर्जी वेबसाइट्स के जरिए क्रेडिट कार्ड के प्वाइंटर्स का लालच देकर लोगों को ठगना शुरू किया और विक्की और अविनाश ने इसका साथ दिया। ये एक रात से ज्यादा एक शहर में नहीं रुकते और फाइव स्टार होटल में रुकते थे। कई लोगों को अलग-अलग राज्यों में ठगकर ये लाखों की कमाई कर चुके थे।
कोविड के दौरान इन्हें जमानत दे दी गई थी लेकिन इन्होंने जमानत जंप करके फरार हो गए। अब नार्थ दिल्ली की साइबर टीम ने चार राज्यो में रेड्स करके इन तीनों को गिरफ्तार किया है।