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G20 शिखर सम्मेलन: दिल्ली पहुंची 28 फुट ऊंची नटराज की मूर्ति, जानिए इसे बनाने में किन धातुओं का हुआ है प्रयोग

दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन होगा। इसके लिए तैयरियां जोरों-शोरों से चल रही है। आयोजन को और भव्य बनाने के लिए नटराज की 28 फुट ऊंची मूर्ती भी लगाई जाएगी।

Edited By: Adarsh Pandey
Published on: August 29, 2023 14:48 IST
G20 शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली लाई गई 28 फुट ऊंची नटराज की मूर्ति- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL MEDIA G20 शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली लाई गई 28 फुट ऊंची नटराज की मूर्ति

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अगले महीने 9 और 10 तारीख को G-20 की बैठक होने वाली है। उस बैठक को ध्यान में रखते हुए दिल्ली में सुरक्षा के कड़े इंतजाम तो किए ही जा रहे हैं। इसके साथ ही साथ पूरी दिल्ली को सजाने का भी काम चल रहा है। जी20 की बैठक को भव्य बनाने के लिए हर संभव काम किया जा रहा है। अब इसी को ध्यान में रखते हुए तमिलनाडु से 28 फुट ऊंची नटराज की मूर्ति लाई गई है। इसके लिए पूरे रास्ते को ग्रीन कॉरिडोर में बदला गया था।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इस मूर्ति को 2500 किलोमीटर लंबा ग्रीन कॉरिडोर बनाकर लाया गया है। अब इसे दिल्ली में भारत मंडपम के बाहर लगाया जाएगा।

किसने बनाई है ये मूर्ति?

अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक नटराज की इस मूर्ती का वजन 19 टन है। इसकी ऊंचाई वास्तविक 22 फुट है और इसे 6 फुट ऊंचे आसन पर रखा गया है इसलिए इसकी कुल ऊंचाई 28 फुट है। यह कलाकृति तमिलनाडु के स्वामीमलाई जिले के प्रसिद्ध मूर्तिकार देवसेनापति सतपति के बेटों द्वारा बनाई गई है।

मूर्ति में क्या है विशेष?

इस मूर्ती को 8 धातुओं से बनाया गया है। इसमें सोना, चांदी, शीशा, कॉपर, टिन, मर्करी, जिंक और लोहे का इस्तेमाल किया गया है। इन सभी धातुओं को पिघलाने के लिए उन्हें 100 डिग्री सेल्सियस पर गर्म किया गया और उसके बाद उसे आकार में ढाला गया। नटराज हिंदू भगवान शिव का रूप माना जाता है जो ब्रह्मांडीय नर्तक के रूप में चित्रण है। उस नृत्य को तांडव कहा जाता है। 

दिल्ली में दिया जाएगा अंतिम रूप

अधिकारियों के अनुसार इस मूर्ति को बिना पॉलिश किए तमिलनाडु से दिल्ली लाया गया है। मूर्ति को अंतिम रूप यहीं पर दिया जाएगा। इसे आयोजन स्थल पर स्थापित करने की समय सीमा 4 सितंबर है। 

अधिकारियों ने ये भी बताया कि इस मूर्ति का ऑर्डर संस्कृति मंत्रालय ने फरवरी में दिया था। मूर्ती को बनाने में 6 महीने का समय लगा है।

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