दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) का बुलडोजर एक बार फिर चलने वाला है। दिल्ली के 'मजनू के टीला' में तोड़फोड़ अभियान चलाए जाने के संबंध में सार्वजनिक नोटिस भी जारी किया गया है। इस कारण मजनू के टीले में कई साल से रह रहे पाकिस्तानी हिंदू परिवार बेहद चिंतित हैं।
नागरिकता दिए जाने का मनाया जश्न
कुछ महीने पहले तक 49 वर्षीय पाकिस्तानी हिंदू दयाल दास उनके तीन बच्चों को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत भारतीय नागरिकता दिए जाने के बाद जश्न मना रहे थे। वहीं, डीडीए का नोटिस मिलने के बाद एक टिन की छत वाला घर को खोने के डर ने अब दास के परिवार को निराशा में डाल दिया है।
दो दिन चल सकता है घरों पर बुलडोजर
दास और कई पाकिस्तानी हिंदू परिवारों को डर है कि डीडीए कहीं उनका घर न गिरा दे। अब इन पाकिस्तानी हिंदू परिवारों का भाग्य शनिवार और रविवार को होने वाली तोड़फोड़ अभियान चलाने के डीडीए के फैसले से जुड़ा है।
DDA अधिकारियों से की गई अपील
पाकिस्तानी हिंदू दयाल दास ने यहां रहने वाले 170 परिवारों की ओर से डीडीए के अधिकारियों से अपील की है। उन्होंने कहा कि उनके घरों को ध्वस्त करने का अभियान चलाने से पहले हमें स्थाई घर दिया जाए। उनके पास कहीं और ठिकाना नहीं है। दास ने कहा कि वह चिप्स बेचने वाली एक छोटी सी दुकान चलाते हैं। उनके परिवार में नौ लोग हैं। इनमें उनकी पत्नी, बुजुर्ग माता-पिता और बच्चे शामिल हैं।
यमुना के बाढ़ क्षेत्र में अतिक्रमण के खिलाफ चलेगा अभियान
मजनू के टीले में ध्वस्तीकरण अभियान शुरू होने से पहले डीडीए की ओर से नोटिस जारी कर अस्थाई आश्रयस्थल में जाने के लिए कहा गया है। दिल्ली विकास प्राधिकरण की सार्वजनिक नोटिस के अनुसार, 13 और 14 जुलाई को प्राधिकरण मजनू का टीला गुरुद्वारा के दक्षिण में स्थित यमुना के बाढ़ क्षेत्र में अतिक्रमण के खिलाफ तोड़फोड़ अभियान चलाएगा। पाकिस्तान से पलायन करने वाले लोगों ने इस इलाके में अपने घर बना लिए हैं।
भाषा- इनपुट के साथ