दिल्ली के रोहिणी स्थित आशा किरण आश्रय गृह (Shelter Home) में हुई मौत के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। एसीजे मनमोहन ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा संचालित केंद्र में एक महीने में 14 मौतें महज संयोग नहीं हो सकतीं हैं। कोर्ट ने कहा कि यदि केंद्र में भीड़भाड़ है, तो वहां रहने वालों लोगों किसी दूसरे अच्छे स्थान पर भेजा जाना चाहिए।
बुधवार तक कोर्ट के सामने रखी जाए रिपोर्ट
इसके साथ ही दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार के समाज कल्याण सचिव को व्यक्तिगत रूप से आश्रय गृह का दौरा करने का आदेश दिया है। साथ ही बुधवार तक हाई कोर्ट के सामने रिपोर्ट दाखिल करने का भी आदेश दिया है।
कहीं महिलएं टीबी से थीं पीड़ित
कोर्ट ने दिल्ली जल बोर्ड को आशा किरण आश्रय गृह के पानी की जांच करने का भी आदेश दिया है। कोर्ट को बताया गया कि मृतक महिलाओं में से कई टीबी से पीड़ित थीं। कोर्ट के सख्त रुख के बाद दिल्ली सरकार के अधिकारी अब इस मामले और अधिक तत्परता दिखाएंगे।
जुलाई महीने में 14 लोगों की मौत
बता दें कि रोहिणी स्थित आशा किरण आश्रय गृह में इस साल के जनवरी से लेकर अब तर 28 लोगों की मौत का मामला सामने आया है। इनमें से 14 लोगों की मौत जुलाई के महीने में हुई है। इसमें 8 महिलाएं और 6 पुरुष (एक बच्चा) भी शामिल है। इस मामले पर सोमवार को
मंत्री आतिशी ने भी दिए थे जांच के आदेश
दिल्ली की मंत्री आतिशी ने शुक्रवार को राजस्व विभाग को मौतों की मजिस्ट्रेट जांच शुरू करने और 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था। आशा किरण समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत आता है, जो राज कुमार आनंद के इस्तीफे के बाद से खाली पड़ा है। राज कुमार आनंद ने अप्रैल में आम आदमी पार्टी छोड़ दी और वह पिछले महीने भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे।