नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार को छत्रसाल स्टेडियम हत्या मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शिवाजी आनंद ने अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद सुशील कुमार को राहत देने से इनकार कर दिया। सुशील कुमार ने यह कहते हुए जमानत का अनुरोध किया था कि पुलिस ने उसके विरुद्ध गलत मामला बनाया है और ऐसे छवि पेश की जैसे वह दोषी हो।
गौरतलब है कि पहलवान सुशील कुमार को 23 मई को गिरफ्तार किया गया था और वह दो जून 2021 से जेल में है। कथित तौर पर सुशील कुमार और अन्य लोगों ने मिलकर पूर्व जूनियर राष्ट्रीय पहलवान सागर धनकड़ और उसके दोस्तों पर मई में हमला किया था। यह हमला कथित तौर पर संपत्ति को लेकर किसी विवाद के चलते किया गया था। हमले में घायल धनकड़ की बाद में मौत हो गई थी।
पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, किसी भोथरी चीज से उसके सिर पर वार किया गया था, जिससे उसका सिर फट गया था। फिलहाल, इस मामले में पहलवान सुशील कुमार जेल में हैं और उन्होंने कोर्ट से बेल की अपील की थी। लेकिन, कोर्ट ने सुशील कुमार को राहत नहीं दी। बता दें कि दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की चार्जशीट में सागर पहलवान हत्याकांड का मुख्य आरोपी पहलवान सुशील कुमार है।
जांच के दौरान पता चला था कि वर्चस्व की लड़ाई के चलते सागर पहलवान की हत्या की गई थी। हत्या की वजह सुशील कुमार की पत्नी के नाम का वो फ्लैट भी था जिसमें सागर धनखड़ रहता था। जांच में यह बात भी पता चली था कि सुशील पहलवान के खेमे के जूनियर पहलवान सागर पहलवान के खेमे में चले गए थे, इसके चलते सुशील पहलवान बेहद नाराज था।
क्राइम ब्रांच की तफ्तीश के मुताबिक 4 मई की शाम सुशील और अन्य आरोपियों की मीटिंग हुई थी जिसके बाद 4-5 मई की रात ही छत्रसाल स्टेडियम में सागर पहलवान के साथ मारपीट की गई जिससे उसकी मौत हो गई। सागर पहलवान की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक सागर की मौत किसी भारी चीज़ से हमला और हमले से आई गहरी चोटों से हुई।
मामले की जांच में सामने आया था कि कैसे पहलवानों के दोनों खेमे के लोग विवादित जमीन की खरीद फरोख्त, कब्जा और उगाही के रैकेट से जुड़े थे। जांच में यह बात भी सामने आई कि पहलवानों के दोनों खेमों के लोग गैंगस्टर काला जठेड़ी और नीरज बवानिया से जुड़े हुए थे।