हरियाणा: संपत्ति विवाद को लेकर राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) के सहायक उप-निरीक्षक (ASI) की हत्या करने के आरोप में गुरुग्राम पुलिस ने एएसआई की पत्नी और बेटे सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। मृत एएसआई की पहचान 49 वर्षीय राजबीर यादव के रूप में हुई है, जो हरियाणा के रेवाड़ी में जीआरपी थाने में तैनात थे। वह अपनी पत्नी सरिता यादव और बेटे यश यादव के साथ गुरुग्राम के शिकोहपुर गांव में रहते थे।
महिला को उसके घर से किया गया गिरफ्तार
महिला को 3 नवंबर को उसके घर से गिरफ्तार किया गया था, जबकि यश यादव, अक्षय उर्फ चिराग और साहबराम को मंगलवार को गुरुग्राम के अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया गया। पुलिस के मुताबिक, यश ने खुलासा किया है कि उनकी संपत्ति उसके पिता के नाम पर थी, जिन्होंने उसे सारी संपत्ति से बेदखल कर दिया था। पुलिस ने बताया कि राजबीर और उसकी पत्नी सरिता और बेटे यश के बीच संपत्ति को लेकर विवाद था।
सिरका, रोज वाटर और शरबत से बम बनाकर धमाके की थी साजिश, NIA की चार्जशीट में खुलासा
यूपी से 60 हजार में अवैध पिस्तौल खरीदी
पुलिस के मुताबिक, यश अपने पिता से संपत्ति उसके नाम करने के लिए कहता था, जो राजबीर नहीं कर रहे थे। इस वजह से यश ने सरिता, अपने दोस्त अक्षय और उसके चाचा साहबराम ने राजबीर की हत्या की योजना बनाई। एसीपी (अपराध) वरुण दहिया ने कहा, "योजना के अनुसार, अक्षय, यश को उत्तर प्रदेश ले गया, जहां उन्होंने 60,000 रुपये में एक अवैध पिस्तौल खरीदी। उसी का इस्तेमाल यश ने 1 -2 नवंबर की दरम्यानी रात को अपने पिता को मारने के लिए किया था। पुलिस को गुमराह करने के लिए यश ने दावा किया कि जब उसके पिता ने गोली चलाई, तब सरिता ने आत्मरक्षा में बंदूक का इस्तेमाल किया।'' राजबीर के बड़े भाई सतबीर सिंह ने अपनी शिकायत में मृतक की पत्नी और बेटे को मुख्य आरोपी बताया है।
"PM मोदी के नेतृत्व में मध्य प्रदेश बीमारू से बेमिसाल बन गया- CM भूपेंद्र पटेल17 साल बाद हत्या का खुलासा, इंश्योरेंस के 80 लाख के लिए रचा था अपनी मौत का झूठा नाटक