Sunday, December 22, 2024
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पुलिसवालों के शव जलाना चाहता था विकास दुबे, पहले से थी रेड की जानकारी- सूत्र

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कानपुर घटना में शहीद हुए सीओ देवेंद्र मिश्र के बारे में विकास दुबे ने बताया कि देवेंद्र मिश्र से मेरा नहीं बनती थी। कई बार वो मुझसे देख लेने की धमकी दे चुके थे। पहले भी बहस हो चुकी थी।

Written by: Vishal Pratap Singh @vishalpsing
Updated : July 09, 2020 18:50 IST
Vikas Dubey Arrested
Image Source : INDIA TV Vikas Dubey Arrested

उज्जैन. विकास दुबे को उज्जैन में गिरफ्तार किया जा चुका है। कानपुर घटना के बाद  सातवें दिन उसे गिरफ्तार किया जा चुका है। विकास दुबे से पुलिस पुछताछ कर रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक विकास को पुलिस की होनेवाली रेड के बारे मे काफ़ी पहले से ही जानकारी थी। इसीलिए उसने अपने साथियों को बुला लिया था। उसने सभी को कहा था कि कुछ ख़तरा है इसलिये हथियार लेकर आने के भी कहा था। विकास का कहना है कि आमतौर पर उसके साथी वैसे भी हथियार लेकर ही आसपास जाते थे। लेकिन घटना के एक दिन पहले ही उसने लोगों को बोल दिया था कि हथियार लेकर आएं।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, विकास दुबे ने पुलिस के लूटे हुये हथियारों के बारे में भी बताया है। उसने कहा है कि वो जगह दिखा सकता है। कानपुर घटना में शहीद हुए सीओ देवेंद्र मिश्र के बारे में विकास दुबे ने बताया कि देवेंद्र मिश्र से मेरा नहीं बनती थी। कई बार वो मुझसे देख लेने की धमकी दे चुके थे। पहले भी बहस हो चुकी थी। इतना ही नहीं विकास दुबे ने बताया कि SO विनय तिवारी ने भी उसे बताया था कि सीओ उसके ख़िलाफ हैं। इसीलिए विकास दुबे को सीओं पर गुस्सा था।

विकास दूबे से अबतक मिली जानकारी के मुताबिक, सीओ को सामने के मकान में मारा गया था। सूत्रों के अनुसार विकास दुबे ने कहा कि उसने सीओ को नहीं मारा, लेकिन उसके साथ के आदमियों ने दूसरी तरफ़ के आहाते से कूदकर मामा के मकान के आंगन में मारा था। पैर पर भी वार किया था। विकास ने पुलिस से कहा कि क्योंकि मुझे पता चला था कि वो बोलता है कि विकास का एक पैर गड़बड़ है। दूसरा भी सही कर दूंगा। सीओ का गला नहीं काटा था, गोली पास से सिर मे मारी गयी थी इसलिये आधा चेहरा फट गया था।

सूत्रों ने बताया कि विकास दुबे ने पूछताछ में ये बात कबूली है कि घटना के बाद घर के ठीक बग़ल में कुंए के पास पांच पुलिसवालों की लाशों को एक के ऊपर एक रखा गया था जिससे उनमें आग लगा कर सबूत नष्ट कर दिये जाये। आग लगाने के लिये घर में गैलनों में तेल रखा गया था। काले रंग के एक पचास लीटर के गैलन में तेल से जलाने का इरादा था, लेकिन लाशें इकट्टठा करने के बाद उसे मौक़ा नहीं मिला। फोर्स आ गई, फिर वो फ़रार हो गया।

सूत्रों ने बताया कि फरार होने से पहले विकास दुबे ने  उसने अपने सभी साथियों को अलग अलग भागने के लिये कहा था।  गांव से निकलते वक्त ज्यादातर साथी जहां भी समझ में आया भाग गये। उसने बताया कि उसे सूचना थी कि पुलिस भोर (सुबह) आयेगी। लेकिन पुलिस रात में ही रेड करने आ गयी। हमने खाना भी नहीं खाया था, जबकि सबके लिये खाना बन चुका था। विकास ने पुलिस को बताया कि घटना के अगले दिन मारा गया विकास का मामा, जेसीबी मशीन का इंचार्ज था लेकिन वो जेसीबी नहीं चला रहा था।

उसने बताया कि रात मे राजू नाम के एक साथी ने जेसीबी मशीन को बीच सड़क मे पार्क की थी। मामा को अगले दिन पुलिस ने एनकाउंटर में मार दिया था। विकास ने पुलिस को बताया है कि चौबेपुर थाना ही नहीं बारे के थानों में भी उसे मददगार थे। जो तमाम मामलों में उसका मदद करते थे। विकास ने पुलिस से पूछताछ कहा कि लॉकडाउन के दौरान चौबेपुर थाने के तमाम पुलिसवालों का मैंने बहुत ख़्याल रखा। सबको खाना-पीना खिलाना और दूसरी मदद भी करता था।

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