कोई इंसान अपनी या अपनों की जान बचाने के लिए लाखों रुपए खर्च करने को तैयार रहते हैं। फिर चाहे वह लाखों रुपयों का इंतजाम अपना घर या जमीन बेच कर ही क्यों न करें। इलाज के लिए वह किसी पर भी भरोसा कर लेता है। लेकिन कुछ लोग भरोसे का गलत इस्तेमाल करते हैं। इलाज का भरोसा दिलाकर पीड़ित को ठगने को तैयार रहते हैं। जो पैसे उसने इलाज के लिए इकट्ठा किये होते हैं, वह गबन करके रफूचक्कर हो जाते हैं।
कुछ ऐसा ही मामला सामने आया उत्तर प्रदेश के नोएडा में। यहां किडनी ट्रांसप्लांट का झांसा देकर एक व्यक्ति से नौ लाख 80 हजार रुपये ठगने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को पुलिस ने शनिवार दोपहर को गिरफ्तार किया है। इस मामले मे पीड़ित ने सेक्टर-63 थाने में एक कथित डॉक्टर, लैब टेक्नीशियन सहित सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था।
किडनी डोनर के लिए लगाई थी सोशल मीडिया पर फोटो
पुलिस अधिकारियों के अनुसार गिरफ्तार आरोपियों की पहचान शिवम सिंह उर्फ अविनाश, प्रवीण कश्यप तथा अनुज पांडे उर्फ अन्नू के रूप में हुई है। इस गिरोह में शामिल अन्य आरोपियों की पुलिस तलाश कर रही है। पुलिस आयुक्त आलोक सिंह के प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस को दी शिकायत में सुजीत यादव ने बताया कि वह सेक्टर-116 में रहते हैं। उनकी पत्नी लवी यादव का किडनी ट्रांसप्लांट होने वाला था। किडनी दानदाता की खोज में सुजीत ने अपने व्हाट्सऐप पर डीपी लगाई थी।
उन्होंने बताया कि इसे देखने के बाद राज सिंह नामक व्यक्ति ने उनके मोबाइल पर फोन किया। उसने बताया कि वह लखनऊ में कानूनी तरीके से किडनी ट्रांसप्लांट कराता है। आरोपी ने कहा कि इसमें 23 लाख रुपये का खर्च आएगा। उसने यादव को लखनऊ के एक नामी अस्पताल का नाम लेकर किडनी ट्रांसप्लांट का झांसा दिया। यादव ने राज सिंह से सेक्टर-63 इलेक्ट्रॉनिक सिटी मेट्रो स्टेशन के पास मुलाकात की। आरोपी ने पीड़ित से कुछ कुछ समय के अंतराल पर किडनी ट्रांसप्लांट के नाम पर कुल नौ लाख 80 हजार रुपये ले लिए और बाद में अपना मोबाइल नंबर बंद कर दिया।
पहले भी हो चुकी है ऐसे ही लाखों की ठगी
पीड़ित की शिकायत पर राज सिंह, शिवम, राकेश यादव, प्रकाश लाल, वरूण दीक्षित, अनुज पांडेय और डॉक्टर राजेंद्र गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है। इससे पहले भी नोएडा में कई लोगों से किडनी ट्रांसप्लांट के नाम पर लाखों रुपये की ठगी की जा चुकी है।