Highlights
- मारे गए बदमाश पर दो दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं
- पुलिस ने उसपर 2 लाख रूपये का इनाम घोषित कर रखा था
- 2020 में पुलिस मुठभेड़ में बचकर भाग निकला था ये बदमाश
वाराणसीः उत्तर प्रदेश में अपराधियों पर शिकंजा तेजी से कसता जा रहा है। इसी कड़ी में आज यूपी पुलिस ने वाराणसी में दिनदहाड़े 2 लाख के इनामी बदमाश को एनकाउंटर में मार गिराया। मारे गए बदमाश की पहचान मनीष सिंह सोने के रूप में हुई है। उसपर रंगदारी, हत्या, अपहरण जैसे कई संगीन मामले दर्ज थे। पुलिस को काफी दिनों से इस बदमाश की तलाश थी। बदमाश सोनू काफी सालों से फरार चल रहा था।
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ 25 मार्च को आधिकारिक रूप से दूसरी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। लेकिन इस बीच सूबे में अपराधियों पर नकेल कसने का काम बदस्तूर जारी है। प्रदेश में पहले से ही बदमाशों की काली कमाई पर बुलडोजर चलाया जा रहा है। साथ ही फरार चल रहे बदमाशों का एनकाउंटर भी किया जा रहा है।
STF ने मार गिराया 2 लाख का इनामी बदमाश
दरअसल, यूपी एसटीएफ को सूचना मिली थी कि सालों से फरार चल रहा 2 लाख का इनामी बदमाश मनीष सिंह सोनू आज किसी काम से वाराणसी के लोहता इलाके में आने वाला है। एसटीएफ ने उसके के लिए पहले से ही तैयारी कर रखी थी। जैसे ही सोनू वाराणसी के लोहता इलाके में पहुंचा। पुलिस ने उसे घेर लिया। इसी बीच बदमाश सोनू ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी और वहां से भागने की कोशिश करने लगा। लेकिन पुलिस की जवाबी कार्रवाई में वह ढेर हो गया। पुलिस को उसके पास से 9 एमएम कारबाइन .32 बोर की पिस्टल समेत भारी मात्रा में कारतूस बरामद हुआ है।
कौन है 2 लाख का इनामी बदमाश सोनू?
मनीष सिंह सोनू पर कई आपराधिक मामले दर्ज थे। वो कई महीनों से फरार चल रहा था। उसपर यूपी के जौनपुर, गाजीपुर, वाराणसी समेत चंदौली में दो दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। 2020 में उसने चौकाघाट में दिनदहाड़े कैंट थाने के हिस्ट्रीशीटर अभिषेक सिंह प्रिंस सहित दो लोगों की हत्या कर दी थी। इससे पहले वह आजमगढ़ के एक सराफा व्यापारी के साथ लूटपाट और हत्या की वारदात को अंजाम दे चुका था। उसपर मिर्जापुर के चुनार में स्थित एक कंपनी के अधिकारी से रंगदारी मांगने और हत्या का भी आरोप है। 2020 में ही उसकी और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई जिसमें उसका एक साथी मारा गया लेकिन मनीष सिंह सोनू वहां से फरार होने में कामयाब रहा था। तभी से पुलिस को इसकी तलाश थी। लेकिन वह पुलिस के हाथ नहीं लगा। वह लगातार अपने ठिकाने बदलता रहता था।