Highlights
- पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को कर लिया गिरफ्तार
- फिरौती की रकम 50 लाख तक कम करने पर हुई थी सहमति
- फैक्ट्री को फिर से खड़ा करने के लिए उसने रची अपहरण की साजिश
UP News: स्नैक मैन्युफैक्चरिंग फैक्ट्री के मालिक और उसके तीन सहयोगियों ने अपने पड़ोसी के बेटे विशाल गौतम का अपहरण कर लिया और कारोबार में हुए नुकसान की भरपाई के लिए एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी। यह जानकारी पुलिस ने दी। बाद में चारों आरोपियों ने घबराकर 18 वर्षीय विशाल गौतम की हत्या कर दी। उन्होंने उसके शव को सीतापुर में गोमती नदी में फेंक दिया।
चार आरोपियों को कर लिया गिरफ्तार
पुलिस उपायुक्त ‘डीसीपी‘ राहुल राज ने कहा कि चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनकी पहचान धीरज मौर्य, राजेश गौतम, मुकेश रावत और आशीष रावत के रूप में की गई है। चारों ने पूछताछ में अपना जुर्म कबूल कर लिया। डीसीपी ने बताया कि शव की तलाशी के लिए एसडीआरएफ की टीमों को लगाया गया है।अधिकारी के मुताबिक, मौर्य स्नैक मैन्युफैक्चरिंग फैक्ट्री का मालिक है और दुबग्गा में रहता है। अन्य तीन आरोपियों की छोटी कारोबारी इकाइयां भी हैं। विशाल गौतम के परिवार का रियल एस्टेट कारोबार है।डीसीपी राज ने बताया कि दुबग्गा निवासी विशाल 25 सितंबर की रात से लापता हो गया था। उसकी बहन संध्या ने अगले दिन पुलिस में मामला दर्ज कराया था।
संध्या द्वारा बताए गए स्थान पर एक टीम भेजी गई और उसे मौर्य की फैक्ट्री के बाहर विशाल की बाइक खड़ी मिली। इसी बीच परिवार के पास विशाल के फोन से एक करोड़ रुपये की फिरौती की कॉल आई। फोन करने वाले ने पुलिस को सूचना देने पर परिवार को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी।
फिरौती की रकम 50 लाख तक कम करने पर हुई थी सहमति
अपहर्ताओं ने एक और फिरौती की कॉल की, कुछ दिनों बाद वॉट्सएप के माध्यम से और परिवार के साथ बातचीत के दौरान वे फिरौती की रकम को 50 लाख रुपये तक कम करने पर सहमत हुए थे। पुलिस ने बदमाशों का पता लगाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस का इस्तेमाल किया और उन्हें मौर्य की फैक्ट्री से पकड़ लिया।
फैक्ट्री को फिर से खड़ा करने के लिए उसने रची अपहरण की साजिश
मौर्य ने स्वीकार किया कि उसकी फैक्ट्री भारी नुकसान के कारण बंद होने की कगार पर थी। उसने कारखाने को पुनर्जीवित करने के लिए बैंक ऋण लेने की कोशिश की, लेकिन नहीं मिल सका। क्योंकि उनका क्रेडिट स्कोर खराब था। फिर उसने विशाल का अपहरण करने की योजना बनाई। परिवार के पास करोड़ों की संपत्ति है, इसलिए उम्मीद थी कि फिरौती की रकम से वह अपनी फैक्ट्री को बचा लेगा। आरोपियों ने यह भी स्वीकार किया कि उन्होंने विशाल को पहले जहर का इंजेक्शन लगाया, फिर गला घोंटकर हत्या कर दी।