कानपुर: कानपुर पुलिस मुठभेड़ और कुख्यात अपराधी विकास दुबे के मारे जाने के मामले की जांच कर रहे एक सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग के प्रमुख सेवानिवृत्त न्यायाधीश शशिकांत अग्रवाल सोमवार को बिकरू गांव पहुंचे। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि अग्रवाल सबसे पहले पुलिस मुठभेड़ (जिसमें आठ पुलिसकर्मी मारे गये थे) के घटनास्थल बिकरू गांव पहुंचे और ग्रामीणों से बातचीत कर उनसे घटना के बारे में जानकारी ली। आयोग के बिकरू गांव में पहुंचने की खबर मिलते ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार प्रभु और अन्य प्रशासनिक अधिकारी वहां पहुंच गये और आयोग को जानकारियां उपलब्ध करायी।
प्रवक्ता ने बताया कि अग्रवाल ने पूरे गांव का दौरा किया और गांव वालों से बिना किसी डर के मुठभेड़ के बारे में जानकारी देने को कहा। न्यायधीश अग्रवाल निवादा गांव भी गये जहां एक अन्य पुलिस मुठभेड़ में विकास दुबे के रिश्तेदार प्रेम प्रकाश और अतुल दुबे मारे गये थे। अग्रवाल उस स्थान पर भी जा सकते है जहां पुलिस की गाड़ी पलट जाने के बाद विकास ने भागने का प्रयास किया था और बाद में वह पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था।
प्रदेश सरकार ने रविवार को एक सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन कर उसे कानपुर पुलिस मुठभेड़ और विकास दुबे के मारे जाने के मामले की जांच सौंपी थी। इस आयोग की कमान इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश शशिकांत अग्रवाल को सौंपी गयी है और उनसे दो माह में रिपोर्ट देने को कहा गया है।