लखनऊ: उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने सोमवार को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अवैध रूप से भारत में रहने वाले म्यांमार के 2 रोहिंग्याओं को गाजियाबाद से गिरफ्तार किया है। एटीएस प्रवक्ता ने मंगलवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि एटीएस की टीम ने सोमवार को गाजियाबाद से नूर आलम उर्फ रफीक और आमिर हुसैन को गिरफ्तार किया है। एटीएस के बयान के मुताबिक, नूर आलम और आमिर हुसैन मूल रूप से म्यांमार के रखाईन प्रांत के रहने वाले हैं।
‘बांग्लादेश के रास्ते आए थे भारत’
ATS प्रवक्ता ने अपने बयान में बताया कि नूर आलम ने मेरठ जिले के दरबार लबर खास और आमिर हुसैन ने दिल्ली के खजूरी खास इलाके के गली नंबर 6, श्रीराम कालोनी में अपना ठिकाना बनाया था। एटीएस टीम ने इन दोनों को गिरफ्तार करने के बाद नूर आलम के कब्जे से 65,860 रुपये, मोबाइल फोन, आधार कार्ड, पैन कार्ड और एक UNHCR कार्ड तथा आमिर हुसैन के कब्जे से एक UNHCR कार्ड और 4,800 रुपये भारतीय मुद्रा बरामद की गई है। एटीएस के अनुसार हुसैन अवैध रूप से बांग्लादेश के रास्तेो भारत में आया था।
‘बनवाने वाले थे भारत के फर्जी प्रपत्र’
एटीएस प्रवक्ता ने बताया कि नूर आलम ने उसे भरोसा दिया था कि फर्जी दस्तावेजों के सहारे वह उसके भारतीय प्रपत्र बनवा देगा। उनके मुताबिक, गिरफ्तार अभियुक्तों को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुरत कर पुलिस रिमांड में भेजने का अनुरोध किया जाएगा ताकि भारत में इनके अन्यभ सहयोगियों के बारे में जानकारी हासिल की जा सके। एटीएस के मुताबिक जनवरी में अजीजुल्लाह नामक एक रोहिंग्या को गिरफ्तार किया गया था और एटीएस को उसके बहनोई नूर आलम उर्फ रफीक की तलाश थी। एटीएस के अनुसार नूर आलम ही मास्ट रमाइंड है जो रोहिंग्याओं को भारत लाने में सूत्रधार रहा है। (भाषा)