बैरकपुर: पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना जिले में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के युवा नेता की अज्ञात लोगों द्वारा गोली मारकर हत्या करने का मामला सामने आया है। इस बार में जानकारी देते हुए शनिवार को एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। तृणमूल कांग्रेस ने इस हत्या के पीछे राज्य में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी का हाथ होने का आरोप लगाया है जबकि भगवा पार्टी ने दावा किया है कि यह हत्या राज्य में सत्तारूढ़ दल के भीतर चल रही लड़ाई का नतीजा है।
संध्या सिनेमा के पास श्रीवास्तव पर हुआ हमला
पुलिस अधिकारी ने बताया कि खारदाह विधानसभा सीट से जीत दर्ज करने वाले काजल सिन्हा के करीबी 33 वर्षीय रंजय कुमार श्रीवास्तव की हत्या खारदाह के ही टीटागढ़ में संध्या सिनेमा के नजदीक शनिवार को उस समय की गई जब वह कार से घर लौट रहे थे। सिन्हा की मौत भी कोविड-19 से हो चुकी है। उन्होंने बताया कि अज्ञात लोगों ने श्रीवास्तव की कार रुकवाई और उनपर बम से हमला किया और कुछ राउंड गोलियां चलाईं। अधिकारी के मुताबिक श्रीवास्तव तृणमूल कांग्रेस की युवा इकाई में हिंदी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष थे।
‘बीजेपी है इस हमले की साजिशकर्ता’
उन्होंने बताया कि श्रीवास्तव को सबसे पहले स्थानीय अस्पताल ले जा जाया गया और वहां से कोलकाता के प्रतिष्ठित अस्तपाल में स्थानांतरित करते वक्त रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। उत्तर 24 परगना में तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष ज्योतिप्रियो मलिक ने आरोप लगाया कि बीजेपी हमले की साजिशकर्ता है क्योंकि वह ‘इलाके में सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ताओं में भय पैदा करना चाहती है।’ राज्य विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस के मुख्य सचेतक और पणिहाटी से विधायक निर्मल घोष ने आरोप लगाया कि भगवा पार्टी के कार्यकर्ताओं ने श्रीवास्तव की हत्या की है क्योंकि विधानसभा चुनाव से पहले वह बीजेपी छोड़ राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल हो गए थे।
‘वसूली को लेकर चल रही लड़ाई का नतीजा है यह हत्या’
तृणमूल कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए बैरकपुर से बीजेपी सांसद अर्जुन सिंह ने दावा किया कि श्रीवास्तव कभी बीजेपी के सदस्य नहीं थे और उनकी हत्या ‘वसूली को लेकर चल रही लड़ाई’ का नतीजा है। उन्होंने दावा किया कि मामले में जिन 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वे तृणमूल कांग्रेस के सदस्य और घोष के करीबी हैं। गौरतलब है कि श्रीवास्तव ने सिन्हा को जीताने के लिए कड़ी मेहनत की थी लेकिन मतदान के बाद और नतीजे आने से पहले ही सिन्हा की कोविड-19 से मौत हो गई थी, जिसकी वजह से खारदाह सीट पर चुनाव रद्द करना पड़ा।