Friday, November 22, 2024
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'प्रधानमंत्री शिशु विकास योजना' के नाम पर लॉन्च कर दी फर्जी स्कीम, देशभर में 15000 लोगों को लगाया चूना

अपनी तरह के पहले मामले में 3 लोगों ने ‘प्रधानमंत्री शिशु योजना’ के नाम पर 2 फर्जी वेबसाइट बनाकर देशभर में 15 हजार लोगों को चूना लगा दिया।

Reported by: Atul Bhatia @atul_bhatia1
Published on: August 19, 2020 0:11 IST
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Image Source : INDIA TV REPRESENTATIONAL दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने प्रधानमंत्री शिशु विकास योजना के नाम पर देशभर में 15 हजार लोग से ठगी करने वाले 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

नई दिल्ली: अपनी तरह के पहले मामले में 3 लोगों ने ‘प्रधानमंत्री शिशु योजना’ के नाम पर 2 फर्जी वेबसाइट बनाकर देशभर में 15 हजार लोगों को चूना लगा दिया। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री शिशु विकास योजना के नाम पर देशभर में 15 हजार लोग से ठगी करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इन तीनों ने दो अलग-अलग वेबसाइट बना रखी थी और लोगों को ठगने के लिए देशभर में अपने एजेंट फैला रखे थे। 

‘250 रुपये लेते थे रजिस्ट्रेशन फीस’

पुलिस ने बताया कि एजेंट इस योजना में रजिस्ट्रेशन करने के लिए 250 रुपये प्रति शिशु उनके परिजनों से लेते थे। पुलिस अब आरोपियों को रिमांड पर लेकर इनके पूरे नेटवर्क का पता लगाने की कोशिश कर रही है। साइबर सेल के डीसीपी अन्येष रॉय ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस मामले में पटना के रहने वाले नीरज पांडेय और सुरेंद्र यादव एवं अयोध्या के रहने वाले आदर्श यादव को गिरफ्तार किया गया है। नीरज ने बीसीए जबकि आदर्श ने एमबीए की पढ़ाई की है।

यूं आरोपियों तक पहुंची पुलिस
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के डायरेक्टर ने इस संबंध में केस दर्ज कराया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री शिशु विकास योजना के नाम पर दो फर्जी वेबसाइट बनी हुई हैं। मामला दर्ज कर साइबर सेल ने इसकी जांच शुरू की और वेबसाइटों के रिकॉर्ड को खंगाला। कई आईपी एड्रेस खंगालने के बाद पुलिस मामले की तह तक पहुंच गई और आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि पहले तीनों आरोपी एकसाथ एक ही वेबसाइट चलाते थे, लेकिन कुछ समय पहले ही सुरेंद्र ने अपनी वेबसाइट अलग से बना ली थी।

एजेंटों के जरिए करते थे धोखाधड़ी
पुलिस द्वारा की गई जांच में पता चला है कि तीनों आरोपियों ने देश के लगभग सभी राज्यों में अपना एक-एक एजेंट रखा हुआ था। इसके बाद उन्होंने जिला स्तर पर एजेंटों को रखा और फिर तालुका के स्तर पर। ये एजेंट लोगों के घर जाते और उन्हें बताते कि यदि वे प्रधानमंत्री शिशु विकास योजना के तहत बच्चे का रजिस्ट्रेशन कराएंगे तो बच्चे का बीमा तो होगा ही, साथ ही भविष्ट में पढ़ाई के लिए भी पैसे मिलेंगे। इस तरह लोगों को झांसे में लेकर वे 250 रुपये ऐंठ लेते थे। इसमें से 50 रुपये जिला और राज्य स्तर के एजेंट, जबकि 200 रुपये गिरफ्तार आरोपी लेते थे। 

प्राप्त डाटा को भी बेचने वाले थे आरोपी
आरोपियों से हुई पूछताछ में पता चला है कि इस दौरान उन्होंने जो भी डाटा जमा किया है वे उसे स्कूलों और अस्पतालों को बेचने की प्लानिंग कर रहे थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से 7 मोबाइल फोन, 3 लैपटॉप, 2 सीपीयू और नोट पैड के अलावा कई आईडी कार्ड बरामद किए हैं। इस पूरे मामले के बारे में पुलिस और जानकारी जुटा कर रही है।

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