नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अंदर एयरलाइन्स में नौकरी दिलाने के बहाने लोगों के साथ ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश हुआ है। दिल्ली पुलिस की नार्थ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट की साइबर सेल ने एक फ़र्ज़ी कॉल सेंटर का पर्दाफाश करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, यह गैंग लोगों को एयरलाइन्स में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगा करता था।
पुलिस के मुताबिक, मौर्या एन्क्लेव थाने को एक महिला ने शिकायत दी थी, जिसमें महिला ने कहा था कि उसके पास एक कॉल आया था, जिसने ये बोला कि वो एयरलाइन्स कंपनी का एचआर एग्जीक्यूटिव बोल रहा है और उसने जॉब साइट पर उनका सीवी देखा है और उसके पास एक अच्छी जॉब है। महिला ने शिकायत में कहां कि आरोपी ने 3500 रुपये रेजिस्ट्रेशन फीस की डिमांड की थी।
महिला ने अपनी शिकायत में बताया कि आरोपी के कहा कि रेजिस्ट्रेशन फीस देने के बाद एयरलाइन्स का एचआर महिला को कॉल कर इंटरव्यू लेंगा। महिला ने कॉल करने वाले शख्स पर भरोसा कर 3500 रुपये दे दिए। इसके बाद महिला के पास इंटरव्यू के लिए कॉल भी आया।
शिकायतकर्ता के मुताबिक, पैसे लेने का सिलसिला यहीं खत्म नहीं हुआ ड्रेस मटेरियल, फैसिलिटी और ट्रैनिंग एक्सपेंसस के नाम पर अलग-अलग समय पर उससे पैसे लिए गए और बाद में जिस नंबर से महिला को कॉल आता था, वो बंद हो गया।
पुलिस ने मामले के सामने आने के बाद महिला की शिकायत पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर की तो जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि जिस बैंक के खाते में ठगी के पैसे जा रहे थे, वो किसी सीताराम के नाम पर रजिस्टर्ड है और उनके पास से पैसा विभन्न तरीकों से अलग-अलग ई-वॉलेट खाते में जा रहे थे।
पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस और सीडीआर के एनालिसिस की मदद से रमीज़ राजा और आयुष सिंह की पहचान की और एक गुप्त सूचना के आधार पर इन दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ के बाद पुलिस सीताराम तक भी पहुंच गई।
पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को बताया कि ये लोग नामी एयरलाइंस में नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं और फिर उनसे अलग-अलग तरीके से पैसे ठगते हैं। इन लोगों ने इस काम के लिए देवली इलाके में लॉकडाउन से पहले एक फ़र्ज़ी काल सेंटर भी बनाया हुआ था।
जब पुलिस ने कॉल सेंटर पर रेड की तो वहां से पुलिस को 8 कंप्यूटर, 12 मोबाइल फोन, 9 एटीएम कार्ड, 20 सिम कार्ड के साथ-साथ 17 डायरी मिली, जिसमें लोगों की एंट्री दर्ज थी। पुलिस अब इन डायरीज की जांच कर यह जानने की कोशिश कर रही है कि ये लोग अब तक कितने लोगों को अपनी जालसाज़ी का शिकार बना चुके हैं।