तेलंगाना के वारंगल रूरल जिले में गांव के बाहर एक फैक्ट्री के पास कुएं से 9 शव बरामद होने के बाद इलाके में सनसनी फैल गई। इस हत्याकंड के कारण फिलहाल कोई पता नहीं चला है। जानकारी के मुताबिक गीसुगोंडा मंडल के गोर्रेकुंठा गांव के बाहर परसों एक कंपनी के निकट के कुएं में चार शव बरामद हुए थे। वहीं कल पांच शव और बरामद हुए हैं। सभी मृतक प्रवासी मजदूर थे।
पश्चिम बंगाल के रहने वाले मकसूद (55) और निशा (48) दंपत्ति 20 साल पहले मजदूरी का काम करने के लिए तेलंगाना आ गए थे। यहां ये मजदूरी का काम करते हुए गुजारा कर रहे थे। उनकी एक बेटी बुसरा खातून (22), दो बेटे साबाद आलम (21) और सोहैल आलम (18) थे, बुसरा का शादी हो गई थी मगर पति से अलग होकर अपने बेटे (3) का साथ माता-पिता के साथ रहती थी, इस परिवार के सभी 6 लोगों का शव कुएं में मिला। इसके आलावा 3 अन्य लोगों के शव भी बरामद हुए हैं। बताया जा रहा है कि 1 शव त्रिपुरा के रहने वाले प्रवासी मजदूर शकील (30) का है और 2 अन्य शव बरामद हुए जो बिहार के रहने वाले प्रवासी मजदूर श्रीराम और श्याम की है। ये दोनों घर के ऊपरी मंजिल में रह रहे थे।
9 शवों के बरामद होने से इलाके में सनसनी फैली हुई है, गीसुगोंडा पुलिस शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज कर तहकीकात कर रही है। पुलिस ने संदिग्ध मौत का मामला दर्ज किया है। परसों 4 शव मिलने से पुलिस को कोई चोट के निशान न पाकर आत्महत्या का शक था, मगर कल फिर 5 शव मिलने के बाद हत्या का भी शक जताया जा रहा है। मामला गहराता दिख रहा है। पुलिस की जांच के बाद सच्चाई सामने आएगी।
बताया जा रहा है कि दो दिन पहले इनके घर में जन्मदिन मनाया गया था, उसदिन झगड़ा हुआ था, उस समय मकसूद के परिवार के सभी लोग मौजूद थे। उस दिन क्या हुआ होगा ये पुलिस जांच कर रही है। शक जताया जा रहा है कि शायद किसी एक ने सभी को मारकर खुद आत्महत्या कर ली हो, अभी कुछ भी कहना मुश्किल है। पुलिस ने एसआईटी का गठन कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
मृतकों के शरीर पर किसी भी तरह के चोट के निशान नहीं हैं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के सही कारणों का पता चल पाएगा। बैग बनानेवाली इस यूनिट में बिहार मूल के कुछ लोग भी काम करते हैं। यूनिट में काम करने वाले बाकी लोगों से भी सघन पूछताछ की जा रही है, इन लोगों ने आत्महत्या की है या फिर ये मर्डर हो सकता है, केस के सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है।