टाटा स्टील अग्निशमन विभाग के कर्मचारी रहे दीपक कुमार सिंह को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। दीपक के गुनाह को सुनकर अदालत भी दंग रह गई। इस जघन्य अपराध को कोर्ट ने रेयरेस्ट ऑफ रेयर की श्रेणी माना है। इस मामले में 4 अप्रैल को अदालत ने दीपक को दोषी करार दिया। उसके बाद गुरुवार को फांसी की सजा सुनाई। अपराधी दीपक ने 12 अप्रैल, 2021 को इस घटना को अंजाम दिया था। उसे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए घाघीडीह सेंट्रल जेल में पेश किया गया था।
कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट ने कहा- ''आपने बहुत नृशंस और जघन्य रूप से अपनी बच्चियों की हत्या की। एक बच्ची जिसकी उम्र 8 साल थी, उसने दुनिया नहीं देखी थी। वहीं दूसरी बच्ची जिसकी उम्र 14 साल थी, उसके ढेर सारे सपने रहे होंगे, दोनों की हत्या कर दी। एक औरत जो अपना घर छोड़कर पति के घर आती है। पति की जवाबदेही होती है उसकी सुरक्षा करने की। आपने उसकी भी हत्या कर दी। एक शिक्षिका जो अपने जीविकोपार्जन के लिए आपकी बच्चियों को पढ़ाने आती थी, उसके भी कई सपने रहे होंगे। आपने अमानवीय कृत्य करते हुए सभी की हत्या कर दी। इतना ही उस शिक्षिका के साथ दुष्कर्म भी किया।
क्यों किया था इतना बड़ा अपराध?
अपराधी दीपक ने प्रभु नाम के शख्स के साथ एक व्यवसाय शुरू किया था, जिसमें उसे घाटा हो गया था। दीपक को शक था कि प्रभु लाभ में है इसलिए उसने प्रभु को फंसाने के लिए योजना बनाई। हत्या करने से पहले उसने क्राइम सीरियल देखा, उसके बाद पत्नी और दोनों बेटियों की हत्या कर दी। घटना के वक्त वहां टीचर आ गई और उसने शवों को देख लिया। यही वजह रही कि उसने पहले उसका रेप किया फिर हत्या कर दी।
फैसले को चुनौती देंगे: वकील
कोर्ट ने धारा 302 में मृत्युदंड, दुष्कर्म में आजीवन कारावास व 50 हजार जुर्माना लगाया है। जुर्माना राशि शिक्षिका की मां को दी जाएगी। अंकित और रोशन कुमार पर हमला करने में 10 साल, साक्ष्य छिपाने में 10 साल और पत्नी का जेवर बेचने में 3 साल की सजा सुनाई है। केस में 20 गवाही हुई। फैसले के वक्त दोनों पक्ष के वकील मौजूद थे। बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि फैसले को चुनौती देंगे।
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