श्रद्धा हत्याकांड से पूरा देश गुस्से में है। हर कोई आरोपी आफताब को फांसी पर लटकाने की मांग कर रहा है। पुलिस ने आरोपी को अपनी हिरासत में ले लिया है और मामले की जांच कर रही है। उसके खिलाफ सबूत जुटाए जा रहे हैं, श्रद्धा के दोस्तों और जानने वालों के बयान लिए जा रहे हैं। कोर्ट से आदेश के बाद अब आरोपी आफताब का नार्को टेस्ट भी कराया जायेगा।
पूछताछ के दौरान आफ़ताब काफी बयान बदल रहा है। वह पुलिस को केस में उलझाने की कोशिश कर रहा। जिसके बाद कुछ लोग कह रहे हैं कि ऐसा करके आफताब केस को कमजोर बनाने की कोशिश कर रहा है। जिससे कोर्ट में पुलिस पक्ष कमजोर हो जाए और इसका फायदा उसे मिल सके।
सन 1995 में तंदूर कांड से दहल उठी थी दिल्ली
श्रद्धा हत्याकांड की भयानक कहानी सामने आने के बाद पूरी दिल्ली दहल उठी थी और आज से लगभग 27 वर्षों पहले राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुए ऐसा ही एक कांड लोगों की जहन में ताजा हो उठा। उस समय दिल्ली के ही रहने वाले एक शख्स ने अपनी पत्नी की अवैध संबंध के शक में हत्या कर दी थी। मर्डर करने वाले शख्स का नाम था सुशील शर्मा और उनकी पत्नी का नाम था नैना साहनी। दोनों पति पत्नी कांग्रेस के नेता थे।
अवैध संबंध के शक में कर दिया था पत्नी का कत्ल
सुशील को अपनी पत्नी पर शक था कि सहपाठी करीम मतबूल के साथ उसके नाजायज संबंध हैं, 2 जुलाई 1995 की रात को जब सुनील घर लौटा तो उसने नैना को किसी से फोन पर बात करते हुए देखा, सुनील को देखते ही नैना ने फोन काट दिया, लेकिन जब सुनील ने उसी नंबर पर दोबारा फोन मिलाया तो दूसरी तरफ करीम मतबूल था। गुस्से में आकर सुनील ने नैना साहनी पर अपनी रिवॉल्वर से ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं और उसकी हत्या कर दी।
हत्या के बाद नैना साहनी की लाश को सुनील ने अपनी गाड़ी में भरा और उसे ठिकाने लगाने के लिए चल दिया, लेकिन जब उसे लाश को ठिकाने लगाने के लिए सही जगह नहीं मिली तो वह उसे इंद्रप्रस्थ होटल में स्थित अपने बोगिया रेस्टोरेंट में ले गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक देर रात को जब रेस्टोरेंट खाली हो गया उसने अपनी पत्नी की लाश को कई टुकड़ों में काट दिया, जिससे वह आसानी से तंदूर के अंदर जल सके। आग में मानव शरीर जलने पर दुर्गन्ध आती है। इस दुर्गंध से बचने के लिए उसने जलाते वक्त वहां रखे बटर का इस्तेमाल किया।
पुलिस को मौके पर मिली थी नैना की लाश
जब वो अपनी पत्नी की लाश को तंदूर में जला रहा था तब वहां तेजी से आग जलने लगी। जिसके बाद आसपास के लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और वहां उन्होंने देखा कि नैना की लाश जली हुई फर्श पर पड़ी थी। पुलिस ने जांच शुरू की। जांच के दौरान पत्ते खुलते गए और पूरा केस सामने आ गया।
अपराध जगत के खतरनाक केसों में से एक है तंदूर हत्याकांड
इस हत्याकांड को अंजाम देने के बाद सुशील फरार हो गया, हालांकि पुलिस ने उसे एक हफ्ते के भीतर ही गिरफ्तार कर लिया। इस केस को भी क्राइम जगत के खतरनाक केसों में एक माना जाता है। इसके बाद सुशील को करीब 23 साल की सजा हुई। बता दें कि पहले सुशील शर्मा को दोषी ठहराया गया था और मौत की सजा सुनाई गई, जिसे बाद में आजीवन कारावास में बदल दिया गया और फिर 2020 में उन्हें रिहा कर दिया गया।