Sunday, December 22, 2024
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जेल में 'राजा' की तरह रहने के लिए सालभर में दी थी 30 करोड़ रिश्वत! सुकेश चंद्रशेखर मामले में बड़ा खुलासा

दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि सुकेश चंद्रशेखर ने कबूल किया है कि उसे महंगी कारों, महंगी घड़ियों, नए इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और जीवन में सभी प्रकार की लग्जरी तथा आराम की चीजों का शौक है।

Reported by: Abhay Parashar @abhayparashar
Published : November 16, 2021 17:58 IST
जेल में 'राजा' की तरह रहने के लिए सालभर में दी थी 30 करोड़ रिश्वत! सुकेश चंद्रशेखर मामले में बड़ा खु
Image Source : INDIA TV जेल में 'राजा' की तरह रहने के लिए सालभर में दी थी 30 करोड़ रिश्वत! सुकेश चंद्रशेखर मामले में बड़ा खुलासा

Highlights

  • रोहिणी की जेल में बंद है सुकेश चंद्रशेखर
  • तिहाड़ जेल में 200 करोड़ की वसूली का मामला
  • पत्नी लीना मारिया पॉल भी जेल में बंद

नई दिल्ली: तिहाड़ जेल में 200 करोड़ की वसूली के मामले में दिल्ली पुलिस की चार्जशीट से बड़ा खुलासा हुआ है। चार्जशीट से पता चला कि सुकेश चंद्रशेखर कैसे पूरे बैरक में अकेला रहता था, सीसीटीवी कैमरे को पर्दे से ढक देता था। चार्जशीट के अनुसार, जेल में आलीशान जिंदगी बिताने के लिए उसने सालभर में 30 करोड़ रुपये जेल अधिकारियों को दिए। बता दें कि अभी सुकेश चंद्रशेखर दिल्ली की रोहिणी जेल में बंद है। वसूली के मामले में उसकी पत्नी लीना मारिया पॉल भी जेल में है। बता दें कि दिल्ली पुलिस की ईओडब्ल्यू यानी आर्थिक अपराध शाखा ने तिहाड़ जेल से 200 करोड़ की उगाही करने वाले सुकेश चंद्रशेखर, उसकी पत्नी लीना मारिया पॉल और बाकि आरोपियों के खिलाफ जो चार्जशीट दाखिल की थी, उसपर पटियाला हाउस कोर्ट में अगली सुनवाई 1 दिसंबर को होगी। दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में कहा गया है कि कॉनमैन सुकेश चंद्रशेखर ने जेल में आलीशान जिंदगी जीने की बात कबूली है।

दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि सुकेश चंद्रशेखर ने कबूल किया है कि उसे महंगी कारों, महंगी घड़ियों, नए इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और जीवन में सभी प्रकार की लग्जरी तथा आराम की चीजों का शौक है। इसलिए उसने जल्दी पैसा कमाने का फैसला किया। पुलिस द्वारा दाखिल चार्जशीट के अनुसार, जब सुकेश चंद्रशेखर तिहाड़ जेल में था, तो उसने जेल कर्मचारियों को मोटी रकम देकर कंट्रोल किया था। चार्जशीट में आगे कहा गया जेल में उसे चंद्र बंधुओं, कार्ति चिदंबरम, मोइन कुरैशी, रतुल पुरी और अन्य हाई प्रोफाइल कैदियों से मिलने का चांस मिला। उसने संजय चंद्रा, यूनिटेक के अजय चंद्रा और शिवेंद्र सिंह से मुलाकात की, जो सभी न्यायिक हिरासत में थे। चंद्रशेखर यूनिटेक के चंद्र बंधुओं से नियमित रूप से मिलता था और वह चंद्र बंधुओं के करीबी दीपक रामनानी के संपर्क में भी आया। रमनानी, चंद्र बंधुओं का पैसा संभालता था। 

चार्जशीट में कहा गया कि लीना (फिलहाल पत्नी) से चंद्रशेखर साल 2010 में मिला और डेट करना शुरू कर दिया। वह लीना के सामने खुद को एक बड़े राजनेता के बेटे के रूप में पेश करता था। लीना की इच्छाओं और जरूरतों को पूरा करने के लिए और अपनी जीवन शैली को बनाए रखने के लिए उसे ज्यादा पैसों की जरूरत थी। उसे पूरे देश में सैलून व्यवसाय स्थापित करने में लीना की मदद करने के लिए भी पैसा चाहिए था। रोहिणी जेल में रहने के दौरान चंद्रशेखर ने दो मोबाइल फोन- iPhone 11 और iPhone 12 का इस्तेमाल किया। वह वर्चुअल नंबरों के माध्यम से अदिति, दीपक रामनानी और अन्य से संपर्क करता था। 

15 जून 2020 को उसने अपने वर्चुअल नंबरों से लैंडलाइन के रूप में स्पूफ करके खुद को भारत के कानून सचिव के रूप में प्रस्तुत करते हुए अदिति सिंह को कॉल किया और समझाया कि वह कानूनी मामलों में उनकी मदद कर सकता है। इसके साथ ही सुकेश चंद्रशेखर ने अदिति को यह भी अहसास दिलाया कि वह नुकसान भी पहुंचा सकता है, अगर उसने उसके निर्देशों का पालन नहीं किया। अदिति को प्रभावित करने के लिए वह "जय हिंद" के साथ अपनी बातचीत खत्म करता था। 

उसने लगभग एक साल में जेल अधिकारियों और कर्मचारियों को लगभग 25 से 30 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। इस कारण उन्होंने अपनी सेल में लगे सीसीटीवी कैमरों को हर समय पर्दे और बोतलों से ढके रखा। सुकेश चंद्रशेखर हमेशा से ही वर्चुअल नंबरों का इस्तेमाल करने की तकनीक से अच्छी तरह वाकिफ था और फोन ट्रैकिंग से बचना जानता था, उसने एक स्पूफिंग ऐप खरीदा और केंद्रीय कानून सचिव के लैंडलाइन नंबर को स्पूफ किया था।

पटियाला हाउस कोर्ट ने हाल ही में चार्जशीट का संज्ञान लिया था। एडिशनल सेशन जज प्रवीण सिंह ने कहा था, "मैंने चार्जशीट का अध्यन किया है। चार्जशीट से प्रथम दृष्टया मुझे लगता है कि धारा 170/384/386/388/419/420/406/409/186 के तहत अपराध हुआ है। /353/468/471/506(2)/120 बी आईपीसी और आईटी अधिनियम की धारा 66 डी के साथ-साथ धारा 3 और 4 एमसीओसी अधिनियम लिया जाता है।"

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