नई दिल्ली: NIA की विशेष अदालत ने चेन्नई से बीटेक कर चुके एक युवक को इस्लामिक स्टेट से जुड़कर सीरिया में लड़ाई करने समेत कई मामलों में दोषी ठहराते हुए 7 साल कैद की सजा सुनाई है। एक अधिकारी द्वारा गुरुवार को दी गई जानकारी के मुताबिक, मोहम्मद नसीर नाम के इस युवक को सीरिया में लड़ने, आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के साथ जुड़ने और अन्य कई अपराधों के जुर्म में दोषी ठहराया गया है। पटियाला हाउस, नयी दिल्ली में NIA की विशेष अदालत ने मोहम्मद नसीर के खिलाफ बुधवार को फैसला सुनाया। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने UAPA और IPC की धाराओं के तहत दिसंबर 2015 में मामला दर्ज किया था।
नसीर समेत 16 आरोपियों के खिलाफ दाखिल की गई थी चार्जशीट
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मामले में सोशल मीडिया के विभिन्न मंचों के जरिए इस्लामिक स्टेट के लिए मुस्लिम युवाओं की भर्ती कर भारत में अपना ठिकाना बनाने के लिए कुख्यात आतंकी संगठन की साजिश को उजागर किया गया था। NIA के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘इसके बाद कुछ ज्ञात और कुछ अज्ञात भारतीय युवकों ने अलग-अलग तरीके से इस्लामिक स्टेट के प्रति अपनी एकजुटता, समर्थन प्रदर्शित किया या अपने आका के निर्देश पर आतंकी संगठन से जुड़ने विदेश चले गए।’ जांच पूरी होने के बाद NIA ने इस साल 3 जून को नसीर समेत 16 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था।
नसीर को मिली 7 साल की सजा, 40 हजार का जुर्माना भी लगा
बता दें कि इस मामले में 15 आरोपियों को पूर्व में 10 साल तक की सजा सुनाई गई थी। बीटेक कर चुका और प्रमाणित ‘एथिकल हैकर’ नसीर 2014 में दुबई में वेब डेवलपर के तौर पर काम करता था। बाद में वह कट्टरपंथ के रास्ते पर चला गया। वह दुबई छोड़कर सूडान के जरिए लीबिया जा रहा था, लेकिन सूडान के अधिकारियों ने उसे पकड़ लिया और दिसंबर 2015 में भारत भेज दिया। जांच पूरी होने और मुकदमे की सुनवाई पूरी होने के बाद विभिन्न अपराधों के लिए विशेष अदालत ने नसीर को 7 साल की सजा दी और 40,000 रुपये का जुर्माना लगाया।