ठाणे: महाराष्ट्र के ठाणे में एक जिला अदालत ने अभियोजन पक्ष के गवाहों और मेडिकल एविडेंस के आधार पर पीड़िता के मुकरने के बावजूद एक शख्स को रेप का दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अदालत ने 42 साल के शख्स को अपनी 18 साल की भतीजी से दुष्कर्म करने का दोषी ठहराया। अदालत ने शख्स को उसके गुनाहों के लिए 10 साले के सश्रम कारावास की सजा सुनायी। मुकदमे की सुनवाई के दौरान पीड़िता अपने बयान से मुकर गयी थी लेकिन इसके बावजूद अदालत ने आरोपी को दोषी ठहराया।
मुंब्रा के अनाथालय में रह रही थी पीड़िता
जिला एवं सत्र अदालत की जज रचना तेहरा ने दोषी पर 6,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने सोमवार को यह आदेश दिया। जज ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने आरोपी के खिलाफ सभी आरोप सफलतापूर्वक साबित किए। अतिरिक्त लोक अभियोजक विनीत ए. कुलकर्णी ने अदालत को बताया कि अक्टूबर 2019 में जब पीड़िता से उसके रिश्तेदार ने रेप किया था तब वह 18 साल की थी और अनाथ थी। उन्होंने कोर्ट को बताया कि वह अपने रिश्तेदार के घर भेजे जाने से पहले ठाणे जिले के मुंब्रा शहर में एक अनाथालय में रह रही थी।
‘आरोपी ने पीड़िता को धमकाया भी था’
कुलकर्णी ने कोर्ट को बताया कि आरोपी रिश्तेदार ने अक्टूबर 2019 में बार-बार लड़की से रेप किया। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं, आरोपी ने लड़की को घटना के बारे में किसी को न बताने की धमकी भी दी थी। बाद में लड़की ने अपनी दोस्त और अनाथालय के अधिकारियों को आपबीती सुनायी जिसके बाद आरोपी के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया और बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया। अभियोजन पक्ष ने मुकदमे के दौरान 4 गवाहों के बयान दर्ज किए। हालांकि, पीड़िता अपने बयान से मुकर गयी थी।