पुणे पोर्श कांड से महाराष्ट्र की पूरी पॉलिटिकल पिक्चर बदल गई है। पोर्श कांड अब महाराष्ट्र का सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है। विरोधी पुलिस पर प्रेशर होने की बात कर रहे हैं। लेटेस्ट अपडेट ये कि पुणे केस में पुलिस ने नाबालिग आरोपी पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। पुलिस की रडार पर अब केवल नाबालिग आरोपी ही नहीं बल्कि पिता विशाल अग्रवाल भी है। वहीं, अग्रवाल फैमली को लेकर इनपुट तो ये भी मिल रहा है कि विशाल अग्रवाल के पिता सुरेंद्र कुमार अग्रवाल का कनेक्शन अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन से भी था। प्रॉपर्टी विवाद को निपटाने के लिए आरोपी के दादा ने अडरवर्ल्ड डॉन की मदद ली थी। विशाल अग्रवाल के पिता पर भी मर्डर के मामले में केस दर्ज हो चुका है। लेकिन उस वक्त भी चार्जशीट फाइल होने से पहले सुरेंद्र अग्रवाल की गिरफ्तारी नहीं हुई थी। इस केस में भी पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगा था।
फडणवीस ने इस कनेक्शन पर क्या कहा?
आरोपी के परिवार और अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन के बीच संबंध होने का दावा करने वाली मीडिया रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मामले की “पूरी जांच” की जाएगी और हर चीज पर कार्रवाई शुरू की जाएगी। पुणे मिरर की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस मामले में आरोपी नाबालिग लड़के के दादा ने पारिवारिक संपत्ति विवाद में छोटा राजन से सहायता मांगी थी। रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी के दादा सुरेंद्र कुमार अग्रवाल ने तत्कालीन पार्षद अजय भोसले को जान से मारने का ऑफर दिया था।
जुवैनाइल जस्टि बोर्ड के फैसले से हम आश्चर्यचकित- फडणवीस
पुणे मिरर की रिपोर्ट में दावा किया गया है, “सीबीआई द्वारा दायर आवेदन में दावा किया गया है कि सुरेंद्र कुमार अग्रवाल ने डॉन छोटा राजन को तत्कालीन पार्षद अजय भोसले की हत्या की पेशकश की थी।” पत्रकारों से बात करते हुए फडणवीस ने कहा, "जो भी कनेक्शन है, उसकी पूरी जांच की जाएगी। हर चीज पर कार्रवाई की जाएगी।" उन्होंने कहा कि पुणे की घटना पर जुवैनाइल जस्टि बोर्ड के फैसले से वे आश्चर्यचकित हैं, लेकिन पुलिस ने इस फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर की है।
फडणवीस ने कहा, "पुणे की घटना पर जुवैनाइल जस्टि बोर्ड के फैसले से हम आश्चर्यचकित हैं। लेकिन पुलिस यहीं नहीं रुकी। पुलिस ने फैसले के खिलाफ अपील की है और उच्च न्यायालय के संज्ञान में जुवैनाइल जस्टि बोर्ड के समक्ष समीक्षा याचिका दायर की गई है।'' मामले में गिरफ्तारियों के बारे में बोलते हुए फडणवीस ने कहा, "जिन लोगों ने नाबालिग को शराब परोसी थी, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है और जिस पिता ने उसे कार दी थी, उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने जो भी जरूरी था, वह किया है।"
पुणे पोर्श कांड... बेटा छूटा तो बाप गिरफ्तार!
बता दें कि पुणे में 18 और 19 मई की दरमियानी रात एक नाबालिग ने अपने तेज रफ्तार पोर्शे कार से दो बाइक सवारों को टक्कर मारी जिसमें दोनों बाइक सवार IT इंजीनियर्स की मौके पर ही मौत हो गई। इस वक्त आरोपी नशे में घूत था। कार की रफ्तार 200 किलोमीटर प्रति घंटे थी। मौके पर मौजूद लोगों ने आरोपी को पुलिस को सौंपा। लेकिन रईसजादे ने सिस्टम को ऐसे सेट किया कि बेटे को 15 घंटे में ही बेल मिल गई है। जब ये हादसा हुआ तब-
- आरोपी नाबालिग था और उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं था।
- जिस कार से एक्सिडेंट हुआ था उस कार पर नंबर प्लेट भी नहीं थी।
- रईसजादे पिता ने कार का रजिस्ट्रेशन भी नहीं कराया था।
- कार का रजिस्ट्रेशन का मामला मार्च से ही पेडिंग चल रहा है।
- महाराष्ट्र ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने कहा कि 1,758 रुपये की फीस का भुगतान नहीं किया गया है।
- जिसकी वजह से 2 करोड़ की लग्जरी कार का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ था।
बेटे के थाने पहुंचने की खबर जैसे ही पिता को मिली। रईसजादे बिल्डर का असली खेल शुरू हुआ। विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल ने सिस्टम को अपनी मर्जी के मुताबिक तोड़ा। दौलत और रसूख के दम पर आरोपी को थाने में VVIP ट्रीटमेंट मिला।
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