केरल हाई कोर्ट ने रेप के आरोपी पुलिस अधिकारी को जमानत देने से साफ इनकार कर दिया है। पुलिसवाले पर आरोप है कि उसने दो साल पहले बाल दिवस के दिन एक स्कूली छात्रा से बलात्कार किया था। ये घटना केरल के त्रिशूर जिले में घटी थी। 14 साल की दलित समुदाय की छात्रा से आरोपी ने एक घर में रेप किया था। अब केरल हाई कोर्ट ने आरोपी पुलिस अधिकारी को राहत देने से साफ इनकार कर दिया है। आइए जानते हैं पूरा मामला।
क्या है पूरा केस?
जानकारी के मुताबिक, आरोपी पुलिस अधिकारी पीड़िता के स्कूल में छात्र पुलिस कैडेट (SPC) ट्रेनर था। पीड़िता और आरोपी की फोन पर बात होती थी। 14 नवंबर, 2022 को आरोपी पीड़िता को लालच देकर त्रिशूर जिले के एक घर में ले गया और उससे बलात्कार किया। इसके बाद 26 सितंबर को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया था। आरोपी तब से अब तक न्यायिक हिरासत में है।
आरोपी जमानत का हकदार नहीं- कोर्ट
आरोपी ने सत्र अदालत द्वारा जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद इस फैसले को चुनौती दी थी। केरल हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति के.बाबू ने सुनवाई के बाद आरोपी को राहत देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि आरोपी ने जघन्य अपराध किया। कोर्ट ने आगे ये भी कहा कि आरोपी जमानत पर रिहा होने का हकदार नहीं है।
अदालत आंखें नहीं मूंद सकती- हाई कोर्ट
हाई कोर्ट ने मामले में फैसला देते हुए कहा कि कोर्ट ‘‘अदालत संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत अभियुक्त के मौलिक अधिकार की अनदेखी नहीं कर सकती, लेकिन वह किए गए अपराध की जघन्य प्रकृति से भी पूरी तरह से अपनी आंखें नहीं मूंद सकती।’’ कोर्ट ने आगे कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से पेश की गई सामग्री से मालूम चल रहा है कि आरोपी पुलिस अधिकारी पर जघन्य अपराध करने का आरोप है। (इनपुट: भाषा)
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