Highlights
- शमीम पिस्टल नाम का यह शख्स एक कश्मीरी सोशल एक्टिविस्ट की हत्या की साजिश रचने में वॉन्टेड था।
- हाजी शमीम उर्फ शमीम पिस्टल के पास से .32 बोर की 5 पिस्टल और 20 जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं।
- हाजी शमीम को जैसे ही रोहित चौधरी की गिरफ्तारी की बात पता लगी उसने अग्रिम जमानत लगा दी थी।
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक कुख्यात हथियार सप्लायर को शुक्रवार को गिरफ्तार किया है। हाजी शमीम उर्फ शमीम पिस्टल नाम का यह शख्स एक कश्मीरी सोशल एक्टिविस्ट की हत्या की साजिश रचने में वॉन्टेड था। स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद सिंह कुशवाहा और एसीपी ललित मोहन नेगी की टीम ने एक ट्रैप के बाद ये गिरफ्तारी की है। इसके पास से .32 बोर की 5 पिस्टल और 20 जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं।
26 फरवरी 2021 को सुखविंदर और लखन राजपूत नाम के 2 लोगो को गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में इन्होंने खुलासा किया था कि इनका दिल्ली आने का मकसद कश्मीरी सोशल ऐक्टिविस्ट, जो कश्मीरी पंडितों के मुद्दे उठाता है, उसे मारने का था। इसके बाद आरकेपुरम थाने में पुलिस ने आईपीसी की धारा 115,120बी,201,34 में केस दर्ज किया और मामला स्पेशल सेल को ट्रांसफर कर दिया गया। जांच के बाद स्पेशल सेल ने 4 और आरोपियों जिसमें मोहित उर्फ प्रिंस उर्फ टूटी, जगदीप उर्फ काका, रोहित चौधरी, हाजी शमीम उर्फ शमीम पिस्टल को गिरफ्तार किया। ये सभी साजिश में शामिल थे।
आरोपी रोहित चौधरी करनाल का रहने वाला है। रोहित का भाई राहुल भारतीय सेना में सिपाही है और ड्रोन चलाने में एक्सपर्ट है। इसको पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया था। इसपर आरोप लगा था कि ये ड्रोन के जरिए पाकिस्तान से ड्रग्स की सप्लाई भारत में करता था। राहुल जिस दौरान जेल में था, उसके भाई रोहित को पाकिस्तान से कॉल्स आए और मदद करने का भरोसा दिया। कॉल्स में कहा गया कि वे इसके भाई को जेल से बाहर निकलवा देंगे और उसे पाकिस्तानी सम्पर्कों ने पैसे भी दिए।
पाकिस्तानी सम्पर्कों से रोहित रंदीप उर्फ रोमी के सम्पर्क में आया और ड्रग्स सप्लाई करने के काम में लग गया। रंदीप उर्फ रोमी अमृतसर पंजाब का रहने वाला है और खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (प्रतिबंधित संगठन) का मेम्बर है। साथ ही रंदीप उर्फ रोमी इंटरनेशनल ड्रग्स तस्करी के काम में लगा है और इसे पाकिस्तान से स्पोर्ट मिलता है। 2014 में रंदीप उर्फ रोमी विदेश फरार हो गया, विदेश ने रंदीप उर्फ रोमी ने रोहित चौधरी को कश्मीरी एक्टिविस्ट को मारने का काम सौंपा।
जगदीप उर्फ काका और उसका एक साथी पंजाब से फरार होकर रोहित द्वारा दिए गए एक ठिकाने पर रहने लगे। फरारी के दौरान जगदीप उर्फ काका ने रोहित के कहने पर मेरठ में एक हत्या को भी अंजाम दिया था। इसके बाद रोहित ने जगदीप और उसके साथी को कश्मीरी एक्टिविस्ट की हत्या करने के लिए कुछ और लड़कों को तैयार करने को कहा और बदले में 50 लाख रुपए भी ऑफर किए। जगदीप इस हत्या को खुद अंजाम देना चाहता था लेकिन रोहित ने उसे नए चेहरे अरेंज करने के लिए कहा ताकि इनकी पहचान न हो सके।
इसके बाद जगदीप ने अपने पुराने साथी मोहित उर्फ प्रिंस उर्फ टूटी को इस हत्या के लिए नए लड़के अरेंज करने का काम दिया और उसे 40 लाख रुपए का ऑफर दिया। मोहित उर्फ टूटी ने दो नए लड़कों, लखविंदर और लखन को कश्मीरी ऐक्टिविस्ट की हत्या के लिए तैयार किया और दोनों को 10, 10 लाख रुपये देने का वादा किया। इसके बाद लखविंदर और लखन दिल्ली आए और मोहित उर्फ प्रिंस उर्फ टूटी समेत दीपक उर्फ किंग के संपर्क में रहे। जांच में जगदीप ने दीपक उर्फ किंग की पहचान करके उसका असली नाम रोहित चौधरी जांच एजेंसी को बताया।
रोहित ने ही हथियार सप्लायर हाजी शमीम उर्फ शमीम पिस्टल से विदेशी पिस्टल अरेंज करके इन लड़कों को दी। हाजी शमीम को जैसे ही रोहित चौधरी की गिरफ्तारी की बात पता लगी उसने अग्रिम जमानत लगा दी और खारिज होने के बाद फरार हो गया और इसे भगौड़ा साबित कर दिया। जांच और तफ्तीश के बाद हाजी को मुजफ्फरनगर से गिरफ्तार किया गया और इसके घर से 5 पिस्टल और 20 जिंदा कारतूस बरामद किए गए।
इससे पहले भी स्पेशल सेल हाजी को 3 बार आर्म्स के केस में गिरफ्तार कर चुकी है ये सालों हथियार सप्लाई के धंधे में लगा हुआ है। 2014 में हाजी और इसके साथी को गिरफ्तार किया गया था, तब इसके पास से AK 47 और 30 पिस्टल मिली थी। 2018 में भी 84 पिस्टल के साथ उसे गिरफ्तार किया गया था। इन सभी आरोपियों के और भी लिंक्स खंगाले जा रहे है।