रांची: बेटे ने दलित लड़की से लव मैरिज की थी। उसके बाद से बेटा अपनी पत्नी के साथ घर से बाहर रह रहा था। इसी बीच बहूं मां बनने वाली है और बुजुर्ग दंपति चाहते थे कि बेटा और बहू घर में रहे लेकिन सामाजिक दवाब बढ़ गया था। जातिवादी समाज ने परिवार को इतने ताने-उलाहने दिए कि दंपति ने जहर खाकर जान दे दी।
सामाजिक दबाव से परेशान हो गए थे बुजुर्ग दंपति
दरअसल, हैरान करने वाली यह त्रासद घटना झारखंड के पलामू जिले की है। यहां के पाटन थाना क्षेत्र स्थित मनिका गांव निवासी नवल किशोर दुबे और चंपा देवी के पुत्र ने एक दलित लड़की से प्रेम विवाह किया था। वे बेटे-बहू को घर लाना चाहते थे, लेकिन सामाजिक दबाव की वजह से ऐसा नहीं कर पा रहे थे। परिजनों ने बताया कि उनकी बहू मां बनने वाली है। वे उनकी देखभाल करना चाहते थे, लेकिन जातीय-सामाजिक दबाव और ताने की वजह से इस कदर परेशान हो गए कि दोनों ने सोमवार को एक साथ जहर खा लिया।
इसकी जानकारी मिलते ही दोनों को इलाज के लिए मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में दाखिल कराया गया था, जहां इलाज के क्रम में दोनों की मौत हो गई। पुलिस ने पंचनामे और पोस्टमार्टम के बाद दोनों के शव परिजनों को सौंप दिए।
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