भुवनेश्वर: हत्या के एक मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा ओडिशा का खूंखार गैंगस्टर हैदर शनिवार को पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। मुठभेड़ उस समय हुई जब कटक कमिश्नरेट पुलिस की एक एस्कॉर्ट पार्टी हैदर को कटक के चौदवार सर्कल जेल से मयूरभंज जिला के बारीपदा में उपजेल में ट्रांसफर कर रही थी, और इसी दौरान हैदर ने भागने की कोशिश की। भुवनेश्वर-कटक के पुलिस कमिश्नर सौमेंद्र प्रियदर्शी ने कहा कि गैंगस्टर को सुरक्षा कारणों से शिफ्ट किया जा रहा था। वहीं, हैदर की पत्नी हसीना बेगम ने कहा है कि यह एनकाउंटर नहीं है बल्कि योजना के तहत पुलिस ने हत्या की है। इन तमाम मामलों की जांच होनी चाहिए।
लघुशंका के लिए रुकने की बात कही थी
बालासोर जिले में सिमुलिया के पास हैदर ने सुरक्षाकर्मियों से लघुशंका करने के लिए थोड़ी देर रुकने का अनुरोध किया। प्रियदर्शी ने कहा कि पुलिस की गाड़ी से नीचे उतरने के बाद उसने सब-इंस्पेक्टर से बंदूक छीनने और भागने की कोशिश की। पुलिस कमिश्नर ने कहा, ‘स्थिति को नियंत्रित करने और उसे भागने से रोकने के लिए, एस्कॉर्ट टीम को हैदर पर गोली चलाने के लिए मजबूर होना पड़ा, और वह घायल हो गया। हालांकि, इस घटना में कोई पुलिस अधिकारी घायल नहीं हुआ।’ घटना के बाद हैदर को गंभीर हालत में बालासोर के जिला मुख्यालय अस्पताल (DHH) ले जाया गया, जहां बाद में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पहले रिक्शा चलाया करता था गैंगस्टर हैदर
DHH के ADMO मृत्युंजय मिश्रा ने कहा अस्पताल में भर्ती होने के 5 मिनट बाद गैंगस्टर की मौत हो गई। उस समय डॉक्टर उसके इलाज की तैयारी ही कर रहे थे। मिश्रा ने कहा कि पोस्टमॉर्टम के बाद ही पता चल पाएगा कि हैदर पर कितनी गोलियां चलाई गईं। हैदर इस साल अप्रैल में कटक के SCB मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान पुलिस हिरासत से फरार हो गया था। काफी तलाश करने के बाद उसे तेलंगाना से गिरफ्तार किया गया था। हैदर को हत्या, अपहरण और जबरन वसूली के कई मामलों में दोषी ठहराया गया था। अपराध की दुनिया में आने से पहले वह 1990 के दशक में रिक्शा चलाया करता था। धीरे-धीरे उसने अपने गिरोह को बढ़ाया और जबरन वसूली और टेंडर फिक्सिंग की बदौलत अकूत कमाई की थी।