Highlights
- जहांगीरपुरी हिंसा के मामले में 5 फरार आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वॉरंट जारी किया गया है।
- दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने शनिवार को इन सभी फरार आरोपियों के खिलाफ वॉरंट जारी किया है।
नई दिल्ली: दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती की शोभायत्रा के दौरान हुए पथराव और फिर हिंसा के मामले में 5 फरार आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वॉरंट जारी किया गया है। दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने शनिवार को इन सभी फरार आरोपियों के खिलाफ वॉरंट जारी किया है। वहीं, अदालत ने जहांगीरपुरी हिंसा में NSA के तहत गिरफ्तार किए गए सभी 5 आरोपियों को 8 दिन की पुलिस रिमांड पर जबकि 4 अन्य गो न्यायिक हिरासत में भेजा है। जिन 5 आरोपियों को पुलिस रिमांड पर भेजा गया है उनमें दंगों का मास्टरमाइंड अंसार भी शामिल है।
इन 5 फरार आरोपियों के खिलाफ जारी हुआ गैर जमानती वॉरंट
दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने जिन 5 फरार आरोपियों के खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट जारी किया है उनके नाम सनवर कालिया, सद्दाम खान, अनवर, चांद और सलमान हैं। इससे पहले क्राइम ब्रांच ने अंसार, सलीम चिकना, इमाम शेख उर्फ सोनू चिकना, दिलशाद व अहीर समेत 9 आरोपियों की रोहिणी अदालत में वर्चुअल पेशी कराई। क्राइम ब्रांच ने अदालत के सामने दलील दी कि मामला बेहद संवेदनशील है इसलिए अभी और पूछताछ होनी बाकी है, जिससे साजिश में शामिल अन्य आरोपियों का पता लग सके।
अदालत ने 5 आरोपियों को 8 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा
पुलिस ने कहा कि पश्चिम बंगाल व अन्य जगह भी इनमें से किसी को ले जाने की जरूरत पड़ सकती है। पुलिस ने जहांगीरपुरी मामले की जांच संबंधित अन्य दलीलों का हवाला देते हुए अदालत से इन आरोपियों की 8 दिन की पुलिस रिमांड मांगी थी। अदालत ने एनएसए के तहत गिफ्तार किये गए अंसार, सलीम चिकना, इमाम शेख उर्फ सोनू चिकना, दिलशाद व अहीर को 8 दिन की पुलिस रिमांड पर जबकि अन्य 4 को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने ED से किया था जांच का अनुरोध
प्रवर्तन निदेशालय ने मामले में मुख्य आरोपी मोहम्मद अंसार समेत विभिन्न संदिग्धों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का एक केस दर्ज किया है। आरोपियों पर धन शोधन रोकथाम कानून (PMLA) की आपराधिक धाराओं के तहत प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ECIR) दर्ज की है। ED की ECIR पुलिस की FIR के समान होती है। दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने हाल में ईडी को पत्र लिखकर ED से जांच करने का अनुरोध किया था। उन्होंने मामले में दिल्ली पुलिस के अधिकारियों द्वारा प्राप्त किये गये प्रारंभिक तथ्यों और उनके द्वारा दर्ज की गयी प्राथमिकी का हवाला दिया था।